सैनिक शिक्षा पर निबंध Essay on Military Education in Hindi अनिवार्य सैनिक शिक्षा सैनिक-शिक्षा और विद्यार्थी sainik shiksha aur vidyarthi महत्व अनिवार्
सैनिक शिक्षा पर निबंध
सैनिक शिक्षा सैनिक शिक्षा का महत्व अनिवार्य सैनिक शिक्षा सैनिक-शिक्षा और विद्यार्थी पर निबंध सैनिक-शिक्षा और विद्यार्थी निबंध हिंदी में सैनिक-शिक्षा और विद्यार्थी का निबंध sainik shiksha aur vidyarthi par nibandh essay on sainik shiksha aur vidyarthi in hindi sainik shiksha aur vidyarthi nibandh in hindi - मनुष्य मूलतः शान्ति और सद्भावना चाहता है। मनुष्य के लिए यह आवश्यक है कि लोग न उससे डरे और न किसी से भयभीत हो। इसके लिए आवश्यक है कि लोग आपस में मिलजुल कर रहे। व्यक्तिगत जीवन में यह बात जितनी आवश्यक है उतनी ही राष्ट्रीय एवं सामाजिक जीवन में भी। यदि पड़ोसी देशों या राष्ट्रों में भय और आतंक बना रहेगा तो उसके निकटतम राष्ट्र भी सुख शान्ति से नहीं रह पायेंगे। अतः हर राष्ट्र के लिए यह अनिवार्य है कि वह अपने को सबल बनाये जिससे दूसरे राष्ट्र उसकी अस्मिता और आस्तित्व पर कोई संकट न पैदा कर सके।
सैनिक शिक्षा की उपयोगिता एवं महत्व
किसी भी राष्ट्र की सुरक्षा और शक्ति उस देश की सेना पर निर्भर करती है। संगठित और प्रशिक्षित सेना राष्ट्र को सबल बनाती है। जिस प्रकार प्राचीन काल में सेना की आवश्यकता थी उसी प्रकार आधुनिक युग में भी उसकी अनिवार्यता है। जिस देश के पास संगठित और प्रशिक्षित सेना ही नहीं होती है उसकी सुरक्षा सदा खतरे में पड़ी रहती है। सभ्यता के बावजूद आज भी मनुष्य की युद्ध पिपासा समाप्त नहीं हुई है। बीसवीं शताब्दी में ही संसार दो दो विश्व युद्धों से आक्रांत हो चुका है जिसमें करोड़ों व्यक्तियों के प्राण गए और अकूत धन की हानि हुई।
प्राचीन काल में सैनिक शिक्षा
सभ्यता के आदि काल से ही सेना राज्य का आवश्यक अंग रही है। इतिहास गवाह है कि प्राचीन काल में अनेक देशों में हर वयस्क नागरिक को सैनिक शिक्षा प्राप्त करना अनिवार्य माना जाता था। हमारे देश की सामाजिक संरचना भिन्न रही है। यहाँ राजकुमारों और क्षत्रियों को सैनिक शिक्षा प्राप्त करना अनिवार्य माना जाता था। ये लोग गुरुकुलों में वेदादि के अध्ययन के साथ साथ शास्त्र विद्या भी सीखते थे।
आधुनिक युग में सैनिक शिक्षा
आधुनिक युग में वैज्ञानिक विकास से सैनिक शिक्षा का रूप बहुत बदल गया है। हर देश की सरकार सेना के गठन और प्रशिक्षण की व्यवस्था करती है। यह सेना केन्द्रीय सरकार के अधीनस्थ रहती है। आधुनिक युग में सेना को थल सेना ,जल सेना और वायु सेना तीन भागों में विभक्त किया गया है। हर विभाग में अपने अपने तरीके से भर्ती ली जाती है और प्रशिक्षण दिया जाता है। हर विभाग में सामान्य सैनिक के अलावा अनेक अधिकारी होते हैं। सैनिकों को सरकार द्वारा वेतन दिया जाता है।
विद्यार्थियों में सैनिक शिक्षा
आजकल प्रत्येक विद्यालय में सैनिक शिक्षा दी जाती है ,यह प्रारंभिक सैनिक शिक्षा होती है। इसे एन.सी.सी. या गर्ल्स गाइड कहते हैं। विद्यालयों में प्रारम्भिक सैनिक शिक्षा की व्यवस्था इसीलिए की गयी है कि देश का प्रत्येक शिक्षित नागरिक सैनिक शिक्षा प्राप्त कर सके। किसी भी देश की सरकार में इतनी शक्ति नहीं होती है कि वह किसी भी स्थिति में देश की सुरक्षा कर सके और सैनिक व्यवस्था का पूरा भार वहन कर सके। ये छात्र संकटकाल में सैनिक बन कर देश की रक्षा करने में समर्थ होते हैं।
सैनिक शिक्षा की अनिवार्यता
प्रश्न उठता है कि सैनिक शिक्षा की अनिवार्यता क्यों ? यद्यपि हमें सुनने में यह बात बहुत अच्छी लगती है कि वसुधैव , सत्य और अहिंसा मनुष्य जाति के महत्वपूर्ण तत्थ है। किन्तु यह बात केवल उपदेशो या पुस्तकों में अच्छी लगती है। जीवन का सत्य और यथार्थ कुछ अलग है। आज चतुर्दिक हिंसा ,युद्ध ,कलह का वातावरण व्याप्त है। आज भी शक्तिशाली राष्ट्र अपने अस्त्र - शस्त्र और सैनिक बल पर विश्व के निर्बल राष्ट्रों को अपनी रक्षा के लिए सैन्य शक्ति संपन्न होना परम आवश्यक हो गया है। भारत एक विशाल जनतांत्रिक देश है। विगत दशकों में इसे चार - चार युद्धों का सामना करना पड़ा। पहला ६२ ई. में चीन के आक्रमण के समय ,दूसरा सन ६५ में पाकिस्तान के पास सन ७१ में पुनः पूर्वी पाकिस्तान के साथ और ९९ में कारगिल युद्ध पाकिस्तान के साथ। इन आक्रमणों को देखते हुए देश की सुरक्षा के लिए प्रत्येक भारतीय विद्यार्थी को सैनिक शिक्षा लेना आवश्यक है। भारतीय विद्यार्थियों ने देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। अब उन्हें स्वतंत्र भारत की सुरक्षा और नवनिर्माण के लिए सैनिक बनना अनिवार्य है।
सैनिक शिक्षा से विद्यार्थियों में संगठन और अनुशासन की भावना पैदा होती है। साथ ही भूकंप ,बाढ़ ,महामारी आदि संकटकालों में ऐसे विद्यार्थी विपत्ति ग्रस्त लोगों की सहायता कर सकते हैं।
देश के अस्तित्व और जनता के सहयोग की दृष्टि से सैनिक शिक्षा बहुत आवश्यक है। भारत शान्ति प्रिय देश है। हमारा लक्ष्य पड़ोसियों को सताना कभी नहीं रहा है। सैनिक शिक्षा का उद्देश्य है - अपने अस्तित्व की रक्षा करना और प्राणपण से मानवता के सेवा करना .
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