प्रेमचंद का व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रेमचंद का व्यक्तित्व और कृतित्व मुंशी प्रेमचंद का व्यक्तित्व और कृतित्व munshi Premchand ki kahaniyan विचारधारा
प्रेमचंद का व्यक्तित्व और कृतित्व
प्रेमचंद का व्यक्तित्व एवं कृतित्व प्रेमचंद का व्यक्तित्व और कृतित्व मुंशी प्रेमचंद का व्यक्तित्व और कृतित्व munshi Premchand ki kahaniyan - मुंशी प्रेमचंद जी आधुनिक युग के प्रमुख कलाकार है। हिंदी जगत में अविर्भाव से हिंदी के कथा साहित्य ने नवीन की ओर मनोवैज्ञानिक दिशा की ओर मोड़ ली। प्रेमचंद आधुनिक कथा साहित्य के तो जनक है ही निबंध के क्षेत्र में भी आपने प्रगतिशील ,मौलिक विचार प्रकट किये हैं। प्रेमचंद का जीवन आदि से लेकर अंत तक अभावों ,कठिनाइयों और संघर्ष की लम्बी कहानी है। बचपन से ही उन्हें कठिनाइयों के कडवे घूँट पीने पड़े। आर्थिक विषमता से पीड़ित ,मध्यम वर्गीय समाज के करुणा भरे चित्र निरंतर उनकी आँखों में तैरते रहे हैं। मानव जीवन को ,उसके बाहरी और भीतरी रूप को उन्होंने बहुत निकट से देखा और अपने समस्त साहित्य में सच्चाई और ईमानदारी के साथ उसे उतारा। उनके जीवन का हलाहल ,उनके साहित्य का अमृत बन गया। यही अमृत लेकर उन्होंने गरीब और पीड़ित हिंदुस्तान का साहित्यिक प्रतिनिधित्व किया। उसके शोषित रूप को मानसिक संबल दिया। इसीलिए इस महान कलाकार का जीवन हमारे राष्ट्र की अमूल्य धरोहर है।
प्रेमचंद का महान जीवन
ऐसा महान जीवन कैसा व्यक्तित्व रखता होगा ? जो निरंतर कठिनाइयों और संघर्षों से जूझा पर आह तक न की। जिसके आँसूं ह्रदय में छिपे रहते थे पर आँखों से हँसी नाचा करती थी। चट्टान सी दृढ़ता लिए जो समाज और जीवन के थपेड़ों से निरंतर खेला ,अपने अडिग आत्मा - विश्वास के कारण इन संघर्सों में ,कभी निराशा कभी विचलित कभी दीन नहीं बना। आत्म - सम्मान की तेजस्विता ने जिसके व्यक्तित्व ,जिसके विचारों को बड़ा उर्जा से भर दिया। इस लिए बिना किसी भय और संकोच के अपने विचारों दूसरों के सामने रख सका ,उनके लिए लडा।
पर ऐसा असाधारण व्यक्तित्व यों दिखने भालने से बिलकुल साधारण था। जैनेन्द्र जब प्रेमचंद से पहली बार मिलने गए तब उन्होंने जिस प्रेमचंद को देखा।आप लिखते हैं - 'उनकी बड़ी घनी मूंछे थी ,पांच रूपये वाली लाल इमली की चादर ओढ़े थे ,जो काफी पुरानी और चिकनी थी ,बालों ने आगे आकर माथे को कुछ ढक सा लिया था और माथा छोटा मालूम होता था ,सर जरुरत से ज्यादा छोटा प्रतीत हुआ। मामूली धोती पहिने हुए थे ,जो घुटने से जरा नीचे आ गयी थी ,आँखों में खुमारी भरी देखि ,मैंने जान लिया कि प्रेमचंद यही है।
ऐसे प्रेमचंद ,सचमुच विनय और सादगी की मूर्ति थे - अहमन्यता से बिलकुल शून्य ,निष्कपट और निरीह। भीतर और बाहरी मन और वचन ,कर्म और सिद्धांत सबसे भिन्न ,कहीं कोई आडम्बर नहीं ,कहीं कोई बड़प्पन की बू नहीं। जिससे मिलते बिलकुल सगे की तरह ,चाहे बड़ा हो या छोटा। सरल होते हुए भी वे अपने और समाज के जीवन की जटिलताओं से पूर्णत विज्ञ थे। लोगों की धूर्तता और मक्कारी उनसे छिपी नहीं थी। निर्धनता को वे वरदान समझते थे ,क्योंकि इसी से वे अपने निर्धन और गरीब देश के दुःख दर्द को पहिचान सके। वे निश्चय ही कलम के मजदूर थे। मजदूर के ही समान उनकी थोड़ी सी आवश्यकता थी वे स्वयं कहते थे। 'मैं मजदूर हूँ। मजदूरी किये बिना मुझे भोजन करने का अधिकार नहीं ,पर उनकी यह मजदूरी अपना तथा अपने बच्चों का पेट पालने के लिए न थी। साहित्य सेवा उनके जीवन - निर्वाह की अनुचरी नहीं बनी। उनके ह्रदय में मानव जीवन की विषमता ,पीड़ा और दुःख द्वन्द को लेकर इतने अनुभव ,इतनी चिनगारियाँ भरी हुई थी कि साहित्य नहीं रचा गया। इसीलिए प्रेमचंद ने तो भूत का सहारा लिया और न भविष्य का पल्ला पकड़ा। वे वर्तमान की समस्याओं से उलझते रहे। उनकी समस्याओं का समाधान करते रहे।
प्रेमचंद की प्रमुख रचनाएँ
प्रेमचंद जी की विचारधारा ने उनके साहित्य को जन्म दिया। अपनी आवाज जनता तक पहुँचाने के लिए उन्होंने उपन्यास लिखे। कहानियों की रचना की ,नाटक लिखे और पत्र निकाले। अन्य भाषाओँ से अनुवाद भी किये। उन्होंने निबंध और उपयोगी साहित्य की भी रचना की। वरदान ,प्रतिज्ञा ,सेवासदन ,प्रेमाश्रम ,रंगभूमि ,गबन ,कर्मभूमि ,निर्मला ,कायाकल्प ,गोदान ,मंगलसूत्र (अपूर्ण ) प्रेमचंद जी उपन्यास है। मानसरोवर के आठ भागों में उनकी लगभग तीन सौ कहानियों का संग्रह है। प्रेम की वेदी ,कर्बला ,संग्राम प्रेमचंद जी के नाटक है। सृष्टि का आरम्भ ,फसाने आजाद ,अहंकार ,हड़ताल चाँदी की डिबिया ,न्याय अनुवाद आदि कृतियाँ है। कुछ विचार ,कलम तलवार और त्याग ,शेखशादी प्रेमचंद जी के निबंध और जीवनी है। मनमोहक ,कुत्ते की कहानी ,जंगल की कहानियाँ ,टालस्टाय की कहानियाँ ,दुर्गादास ,रामचर्चा ,बालउपयोगी साहित्य है। जागरण और हँस इन दो पत्रों का प्रकाशन किया था।
Achcha hai
जवाब देंहटाएंVery must
जवाब देंहटाएंI like it but you must tell about शिक्षा and other things
जवाब देंहटाएंAcha hai
जवाब देंहटाएंPerfect 👍
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