अजान विवाद क्या है Azaan Vs Hanuman Loudspeaker Vivad

SHARE:

अजान विवाद क्या है Azaan Vs Hanuman Loudspeaker Vivad अज़ान का इतिहास ध्वनि प्रदूषण कानून की अनदेखी क्यों ? देश का सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ध्वनि सी

अज़ान विवाद : कुछ पहलू अनछुए 


भारत के अलग-अलग प्रदेशों में लोगों और उनके समूहों की आस्थाओं और मान्यताओं में विभिन्नता है. अलग-अलग मज़हब, भाषा और बोली के साथ हम साझा तहज़ीबों की बात करते हैं और एक-दूसरे को सम्मान देते हैं. आपसी प्रेम की यही भावना हमारी राष्ट्रीय एकता की नींव रखती है.लेकिन हाल के दिनों में कुछ ऐसे मुद्दे उठाए गए, जो मज़हबी जुनून से ओतप्रोत हैं. कुछ प्रदेशों में कुछ लोग और नेता सीधे टकराव पर आमादा दिख रहे हैं. राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन को अल्टीमेटम दिए जा रहे हैं. हम बात मस्जिदों से होने वाली अज़ान की कर रहे हैं, जिसकी मीनारों पर लगे लाउडस्पीकरों से कुछ सियासी नेताओं और संगठनों को एतराज़ है और एतराज़ भी कुछ ऐसा है कि क़ानून-व्यवस्था को खुलेआम बीच चौराहे चुनौती दी जा रही है. 

अज़ान का इतिहास

अजान विवाद क्या है Azaan Vs Hanuman Loudspeaker Vivad
मदीना में जब सामूहिक नमाज़ पढ़ने के मस्जिद बनाई गई तो इस बात की जरूरत महसूस हुई कि लोगों को नमाज़ के लिए किस तरह बुलाया जाए, उन्हें कैसे सूचित किया जाए कि नमाज़ का समय हो गया है। मोहम्मद साहब ने जब इस बारे में अपने साथियों सहाबा से राय मश्वरा किया तो सभी ने अलग अलग राय दी। किसी ने कहा कि प्रार्थना के समय कोई झंडा बुलंद किया जाए। किसी ने राय दी कि किसी उच्च स्थान पर आग जला दी जाए। बिगुल बजाने और घंटियाँ बजाने का भी प्रस्ताव दिया गया, लेकिन मोहम्मद साहब को ये सभी तरीके पसंद नहीं आए। 
रवायत है कि उसी रात एक अंसारी सहाबी हज़रत अब्दुल्लाह बिन ज़ैद ने सपने में देखा कि किसी ने उन्हें अज़ान और इक़ामत के शब्द सिखाए हैं। उन्होंने सुबह सवेरे पैगंबर साहब की सेवा में हाज़िर होकर अपना सपना बताया तो उन्होंने इसे पसंद किया और उस सपने को अल्लाह की ओर से सच्चा सपना बताया। 
पैगंबर साहब ने हज़रत अब्दुल्लाह बिन ज़ैद से कहा कि तुम हज़रत बिलाल को अज़ान इन शब्‍दों में पढ़ने की हिदायत कर दो, उनकी आवाज़ बुलंद है इसलिए वह हर नमाज़ के लिए इसी तरह अज़ान दिया करेंगे। इस तरह हज़रत बिलाल रज़ियल्लाहु अन्हु इस्लाम की पहली अज़ान कही। 
अज़ान के प्रत्येक बोल के बहुत गहरे मायने हैं। मुअज्जिन (जो अज़ान कहते हैं) अज़ान की शुरुआत करते हुए कहते हैं कि अल्लाहु अकबर। याने ईश्वर महान हैं। अज़ान के आखिर में भी अल्लाहू अकबर कहा जाता है और फिर ला इलाहा इल्लाह के बोल के साथ अज़ान पूरी होती है। याने ईश्वर के सिवाए कोई माबूद नहीं।  
अज़ान की शुरुआत और उसका मुकम्मल अल्लाह की महानता के साथ होता है, जबकि इसके बीच के बोल अज़ान की अहमियत पर रौशनी डालते हैं। 


अज़ान का अर्थ
आइए पूरी अज़ान के अर्थ पर एक नज़र डालते हैं। 
"अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर"
(ईश्वर सब से महान है.)
"अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह
अश-हदू अल्ला-इलाहा इल्लल्लाह"
(मैं गवाही देता हूं कि ईश्वर के अतिरिक्त कोई दूसरा इबादत के योग्य नहीं.)
"अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह
अश-हदू अन्ना मुहम्मदर रसूलुल्लाह"
(मैं गवाही देता हूं कि मुहम्मद सल्ल. ईश्वर के अन्तिम संदेष्टा हैं.)
"ह्या 'अलास्सलाह, ह्या 'अलास्सलाह"
(आओ नमाज़ की तरफ़.)
"हया 'अलल फलाह, हया 'अलल फलाह"
(आओ कामयाबी की तरफ़.)
"अस्‍सलातु खैरूं मिनन नउम
अस्‍सलातु खैरूं मिनन नउम"
(ये बोल केवल सुबह (फजर) की अज़ान में कहे जाते हैं)  
(नमाज़ सोए रहने से उत्तम है.) 
"अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर" 
(ईश्वर सब से महान है) 
"ला-इलाहा इल्लल्लाह" 
(अल्लाह के सिवाए कोई माबूद नहीं.)

ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने का समाधान ठाकरे जैसे राजनेताओं द्वारा वित्त पोषित और भुगतान किए जाने वाले प्रत्येक प्रतिष्ठान से शुरू होना चाहिए, चाहे वह मस्जिद हो, पार्टी हो या पंडाल. ठाकरे जैसे लोग जो कर रहे हैं, वह विपरीत विचार वाले दो समूहों के बीच ख़राब माहौल को और ख़राब करने की कोशिश है.

इंसान के स्वास्थ्य और लोगों के ज़हनी सुकून पर ध्वनि प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के बारे में कोई संदेह नहीं है. इस बारे में उन बेनसीब लोगों से पूछें जो भारत में हाई ट्रैफिक वाली सड़कों, हाईवे या रेल की पटरियों या इंडस्ट्रियल एरिया के पास रहने को मजबूर हैं.

एक मर्ज़ की अलग-अलग दवा
राज ठाकरे एक ही मर्ज़ की दो अलग-अलग दवा पेश कर रहे हैं. ठाकरे का इरादा शोर मचाकर अज़ान की आवाज़ के कारण होने वाली अशांति को समाप्त करना है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख की चेतावनी, कार्रवाई की मांग करने के बजाय, निष्क्रियता को छुपाती है, जो कि भारत में ध्वनि प्रदूषण कानूनों के लिए आम बात है – चाहे कारण एक मस्जिद हो, राजनीतिक सांठगांठ के दम पर पुलिस के संरक्षण में ओपन-एयर पार्टी का जश्न मनाता व्यवसायी हो, आधी रात को अपने स्पीकर पर गाने बजा रहा नशे में धुत्त पड़ोसी हो, या मॉडिफाइड साइलेंसर (modified silencers) में लॉजिक ढूंढने वाला बाइकर्स हो.

सिर्फ मस्जिदों में ही सन्नाटा क्यों? हम ध्वनि प्रदूषण के सभी स्रोतों से क्यों नहीं निपटते? इसके लिए आपको आवाम की सेहत और सुकून को अपने दिमाग में रखना होगा, न कि किसी सांप्रदायिक राजनीतिक एजेंडे को. मंदिरों में लाउडस्पीकरों पर बजने वाले भजन या धार्मिक व्याख्यान अनियंत्रित शोर के लिए जाने जाते हैं. कर्नाटक में इस आशय का एक आदेश फरवरी के महीने में कम से कम पांच मंदिरों को जारी किया गया, जहां बीजेपी सत्ता में है. हालांकि, राज्य में हिंदू संगठनों की आलोचना के बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया.

शोर और सन्नाटे के बीच ध्वनि प्रदूषण कानून

राज ठाकरे के तर्क को देखते हुए अगर कोई मंदिरों के पास क्रिसमस कैरोल (Christmas carol) या गुरबानी (Gurbani) बजाना शुरू कर दे तो क्या होगा? डेसिबल लेवल बढ़ाने की ये सारी प्रतिस्पर्धी आवाजें कब, कहां और कैसे समाप्त होगी? जहां तक ध्वनि प्रदूषण पर कानून के समक्ष समानता का सवाल है, उस हिस्से को 2016 के बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के आदेश में और बाद में उल्लिखित ध्वनि प्रदूषण विनियमन और नियंत्रण नियम 2000 में ध्यान रखा गया था. लेकिन जो लोग अभी भी ध्वनि प्रदूषण कार्यकर्ताओं के ठिकाने के बारे में चिंतित हैं, वे सोशल मीडिया पर सिर्फ चहकने से ज्यादा कुछ नहीं कर रहे हैं. ये ध्वनि प्रदूषण एक्टिविस्ट ही थे, जिन्होंने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसके कारण अदालत ने सभी धर्मों और संप्रदायों द्वारा लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था.

ध्वनि प्रदूषण कानून की अनदेखी क्यों?

2016 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और अदालतों के आसपास के 100 मीटर के क्षेत्र को साइलेंस जोन घोषित किया था. हालांकि, 2017 में, नियमों में संशोधन के कारण शहर में 1,1573 साइलेंस जोन (silence zone) हटा दिए गए. यह विशेष रूप से मुंबई में गणपति पंडालों की वाहवाही लूटने के लिए किया गया था जो लाउडस्पीकर के साथ जुलूस निकालना चाहते थे.

दुर्भाग्य से संशोधन के खिलाफ मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2016 के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया. कानून को अमल में लाने की कमी की तरफ इशारा करते हुए ध्वनि प्रदूषण कार्यकर्ताओं ने कई जनहित याचिकाएं दायर की हैं. और बॉम्बे हाई कोर्ट ने विवाह स्थलों, गणपति पंडालों और ईद समारोहों में ध्वनि प्रदूषण की अनदेखी के लिए नगर पालिकाओं और पुलिस को फटकार लगाई है.

ध्वनि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना लोकल गवर्नमेंट जैसे नगर पालिकाओं और पुलिस की जिम्मेदारी है. लेकिन प्रदूषण फ़ैलाने वालों और राजनेताओं के बीच गठजोड़ ने अधिकारियों को भी असहाय बना दिया है. 2019 में एक हलफनामे में, एक पुलिस अधिकारी ने अदालत को बताया कि कैसे ‘राजनीतिक दलों से जुड़े मंडलों (गणपति) ने लाउडस्पीकर का इस्तेमाल जारी रखा और आधी रात के बाद भी शोर के मानदंडों का उल्लंघन किया’. पुलिस अधिकारी ने कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के डर से राजनीतिक रूप से समर्थित गणपति मंडलों के खिलाफ कार्रवाई करने में कठिनाई भी बताई.

शहरवासी जाएं तो जाएं कहां ?

तो, वे बदकिस्मत शहरवासी, जो केवल अपनी दुर्बल नसों पर शोर-शराबे के बेरहम हमलों से कुछ राहत पाने के लिए तरस रहे हैं, अपने सपने को अलविदा कह सकते हैं. ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने का समाधान ठाकरे जैसे राजनेताओं द्वारा वित्त पोषित और भुगतान किए जाने वाले प्रत्येक प्रतिष्ठान से शुरू होना चाहिए, चाहे वह मस्जिद हो, पार्टी हो या पंडाल. ठाकरे जैसे लोग जो कर रहे हैं, वह विपरीत विचार वाले दो समूहों के बीच ख़राब माहौल को और ख़राब करने के लिए है. और क्यों नहीं, जब महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव नजदीक है?
धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर बजाने को लेकर छिड़ी धार्मिक व राजनीतिक बहस के बीच एक कानूनी पहलू भी है, जिसके आधार पर ही निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट अब तक कई आदेश दे चुके हैं।

कारावास व जुर्माने का प्रविधान :- 
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 और ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के उल्लंघन पर कारावास और जुर्माने का प्रविधान है।

*दो सख्त आदेश, दोनों की अवहेलना :-
सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2005 के आदेश के अनुसार रात 10 से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग नहीं किया जा सकता है। वहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वर्ष 2020 में फैसला दिया कि अजान इस्लाम का एक हिस्सा है, लेकिन लाउडस्पीकर से अजान देना इस्लाम का हिस्सा नहीं है। ध्वनि प्रदूषण जीवन के अधिकार से जुड़ा हुआ मामला है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 19(1) ए और अनुच्छेद 21 प्रत्येक नागरिक को बेहतर वातावरण और शांतिपूर्ण जीवन जीने का अधिकार देता है। यह सर्वोपरि है। किसी भी स्तर पर इसका उल्लंघन हो रहा हो, कानूनन यह गलत है। 

*ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभाव :- 
ध्वनि प्रदूषण का दुष्प्रभाव मनुष्यों पर ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों एवं वनस्पतियों पर भी पड़ता है। व्यवहार में चिड़चिड़ापन आना व सहनशक्ति कम होना शामिल है। लंबे समय में यह उच्च रक्तचाप, श्रवण शक्ति कम होना, नींद में गड़बड़ी जैसी परेशानियों का भी कारक बनता है।

हम कई वर्षों से कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों व वहां के प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बंद करवाए जाएं क्योंकि यह तय मानकों से कई गुना तीव्र होते हैं। यह सभी धर्मों के लिए लागू हो। एक देश, एक कानून होना चाहिए और सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होना चाहिएl

क्या कहता है देश का सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट 

1. सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 में एक फैसला दिया था. मामला था चर्च ऑफ गॉड बनाम केकेआर मैजेस्टिक कॉलोनी वेलफेयर एसोसिएशन. इसमें चर्च पर आरोप था की वहां तेज आवाज में धार्मिक कार्यक्रम होते है, जिससे कॉलोनी के लोग परेशान है, इसलिए वहां से आने वाली आवाज को नियंत्रित किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि आवाज नियंत्रित होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि धर्म की आजादी किसी के मूल अधिकार का हनन नहीं कर सकती, जो लोग आवाज नही सुनना चाहते उन्हें सुनने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. ध्वनि को नियंत्रित करने के लिए हर राज्य के अलग-अलग कानून हैं. यहां तक की राज्य के अंदर अलग-अलग इलाकों के लिए ध्वनि नियंत्रण के अलग-अलग नियम हैं. रिहायशी और इंडस्ट्रियल इलाके के लिए अलग सीमा है, लेकिन इस नियम का पालन नही होता है. पुलिस और आम लोगों को भी जानकारी काम है.

2. इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला :- पिछले साल मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि अज़ान देना धार्मिक आजादी का अधिकार है, लेकिन माइक्रोफोन से अज़ान देना अधिकार नहीं है. इसलिए अज़ान बिना माइक के दी जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा था कि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी भी तरह का कार्यक्रम तेज आवाज में करने के लिए लोकल अधिकारी से इजाजत लेनी होगी. अधिकारी आवाज की सीमा तय कर सकता है. बिना इजाजत के तेज आवाज में कोई भी कार्यक्रम नहीं हो सकता.

3. क्या कहा था बॉम्बे हाई कोर्ट ने?
2018 में ही बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने भी इसी तरह का एक मामला आया था, उस दौरान कोर्ट ने कहा था कि The Noise Pollution Control and Regulation Rules of 2000 के अनुसार  लाउडस्पीकर एक निर्धारित वॉल्यूम पर ही इस्तेमाल किए जाएंगे. दिन के समय 50 डेसीबल और रात के समय 40 डेसीबल पर ही इनका उपयोग किया जा सकता है.
*क्या है ध्वनि प्रदूषण क़ानून-2000?
- सार्वजनिक स्थलों पर लाउडस्पीकर बजाने के लिए लिखित अनुमति ज़रूरी
- रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने पर रोक 
- बंद कमरों, जगहों पर ही रात में लाउडस्पीकर बजाने की इजाज़त 
- विशेष परिस्थितियों में राज्य सरकार रात 12:00 बजे तक की इजाज़त दे सकती है
- राज्य सरकार अस्पताल, शैक्षिक, व्यावसायिक संस्थानों के आसपास साइलेंट ज़ोन बना सकती है 
- साइलेंट ज़ोन के 100 मीटर के दायरे में लाउडस्पीकर नहीं बज सकते
*कहां, कितनी ध्वनि सीमा?
ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) 2000 के अंतर्गत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने चार अलग-अलग प्रकार के क्षेत्रों के लिए ध्वनि मानदंड रखा है। औद्योगिक क्षेत्र के लिए क्रमश: दिन व रात में 75 और 70 डेसीबल, वाणिज्यिक क्षेत्रों के लिए 65 और 55, आवासीय क्षेत्र के लिए 55 और 45 और शांत (साइलेंट) क्षेत्रों के लिए 50 व 40 डेसीबल की मात्रा निर्धारित की है। डेसीबल ध्वनि मापने की मात्रा है। यहां पर दिन का समय सुबह छह से रात 10 बजे तक और रात का समय 10 से सुबह छह बजे तक माना जाता है। वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने असहनीय या मानक से ज्यादा ध्वनि को प्रदूषण का अंग ही माना था।
अगर वाकई कुछ परेशानी है और नियमों का उल्लंघन हो रहा है, तो क़ानून और संविधान के दायरे में आवाज़ उठाना ग़लत नहीं है. लेकिन अफ़सोस कि ऐसा नहीं हो रहा है, विरोध के लिए क़ानून का मखौल उड़ाते हुए सड़क पर जमघट लगाया जा रहा है. महाराष्ट्र के बाद अब उत्तर प्रदेश को लाउडस्पीकर की लड़ाई का अखाड़ा बन चुका है. वाराणसी के बाद अलीगढ़ में अज़ान के वक़्त हनुमान चालीसा पढ़ी गई. इसके लिए बिना इजाज़त चौराहों पर लाउडस्पीकर लगाए जा रहे हैं.


- प्रा. शेख मोईन शेख नईम 
सहायक प्राध्यापक 
School of Law, आई.टी.एम. विश्वविद्यालय, ग्वालियर

COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,7,कविता,1478,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,40,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,3,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,77,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,7,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,12,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,4,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,141,प्रयोजनमूलक हिंदी,38,प्रेमचंद,50,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,18,भीष्म साहनी,9,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,16,यशपाल,19,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,125,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,3,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,3,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,34,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,270,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,22,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,87,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,436,हिंदी लेख,536,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,186,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,6,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,divya-upanyas-yashpal,5,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,12,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,20,hindi essay,428,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,682,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,77,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,23,kavyagat-visheshta,26,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,12,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,8,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,6,Syllabus,7,tamas-upanyas-bhisham-sahni,4,top-classic-hindi-stories,58,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: अजान विवाद क्या है Azaan Vs Hanuman Loudspeaker Vivad
अजान विवाद क्या है Azaan Vs Hanuman Loudspeaker Vivad
अजान विवाद क्या है Azaan Vs Hanuman Loudspeaker Vivad अज़ान का इतिहास ध्वनि प्रदूषण कानून की अनदेखी क्यों ? देश का सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ध्वनि सी
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEivaaPtFgxZtxPrSHKn3u2Mqpf_8cfAMFUxICYDrxIWxI8fohkkvMG0V588xsU0ZTmW45kmNQGaAJryD3F21RXR0Zru_7drZMMpgqjexitKgIBlejH-pLvW5mN_-ttELZvyHNsGSJ65vCn2V6x5-IGFn3VVAn37hpu-CDXwTnVFB0b_uc7He_HOZtK3tg/s320/loudspeaker-vivad.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEivaaPtFgxZtxPrSHKn3u2Mqpf_8cfAMFUxICYDrxIWxI8fohkkvMG0V588xsU0ZTmW45kmNQGaAJryD3F21RXR0Zru_7drZMMpgqjexitKgIBlejH-pLvW5mN_-ttELZvyHNsGSJ65vCn2V6x5-IGFn3VVAn37hpu-CDXwTnVFB0b_uc7He_HOZtK3tg/s72-c/loudspeaker-vivad.jpg
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2022/06/azaan-vs-hanuman-loudspeaker-vivad.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2022/06/azaan-vs-hanuman-loudspeaker-vivad.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका