सड़क दुर्घटना पर निबंध हिंदी में Essay On Road Accident Hindi सड़क दुर्घटना कारण एवं उपाय निबंध sadak Suraksha per nibandh आँखों देखी दुर्घटना हाल
सड़क दुर्घटना पर निबंध हिंदी में
सड़क दुर्घटना पर निबंध हिंदी में सड़क दुर्घटना कारण एवं उपाय निबंध लिखो सड़क दुर्घटना कारण व उपाय पर निबंध sadak Suraksha per nibandh हिंदी निबंध सड़क दुर्घटना आँखों देखी दुर्घटना पर निबंध हिंदी में सड़क दुर्घटना का आंखों देखा हाल - आज समाचारों में ,समाचार पत्रों में इस प्रकार की दुर्घटनाएँ नित्य प्रति देखने व सुनने को मिलती है। कहीं विमान दुर्घटना तो कहीं दो बसों का टकरा जाना। इसी प्रकार आज प्रियंक और अरुण विद्यालय से अवकाश के पश्चात घर जा रहे थे तभी इस मोड़ पर यह दुर्घटना हो गयी। इनका घर विद्यालय से तीन की.मी. दूर है। बस या ऑटो रिक्शा से आने जाने का कोई साधन नहीं है ,अतः ये दोनों बालक साइकिल से ही विद्यालय आते जाते हैं। इस मोड़ पर कोई ट्रैफिक पुलिस नहीं है। अतः वाहन चालक मनमाने तरीके से तीव्र गति से आवागमन करते हैं।
साइकिल दुर्घटनाग्रस्त हो गयी
ऐसे ही एक दुर्भाग्यशाली दिन में इसी स्थिति का लाभ उठाते हुए एक मनचला युवक अपने मित्र की पार्टी में अपनी ही धुन में मस्त ,सारे ट्रैफिक नियमों का उलंघन करते हुए लगातार स्कूटर की गति तीव्र कर हार्न दिए बिना और बिना हैलमेट के स्कूटर को फर्राटे से भगाता हुआ जा रहा था कि तभी प्रियंक और अरुण की साइकिल सामने आ गयी। स्कूटर से टकराकर साइकिल गिर गयी और उसमें सवार दोनों बच्चे गिर गए। अरुण साइकिल चला रहा था। अतः उसे ज्यादा चोट लगी और वह बेहोश हो गया। उसके सर और हाथ पर भारी चोट लगी और वह बेहोश हो गया। प्रियंक को ज्यादा चोट नहीं आई ,परन्तु वह यह सब देखकर बहुत घबरा गया और जोर जोर से रोने लगा। उनकी साइकिल का अगला पहिया मुड़ गया है ,उनके बस्ते छिटक कर दूर जा गिरे हैं ,सामने ही एक कुत्ता है ,प्रियंक को रोते हुए देखकर वह इसे चाट रहा है।
अस्पताल में इलाज
वैसे तो इस मोड़ पर ज्यादा भीड़ नहीं है परन्तु दूसरे तरफ से आते हुए वाहन नहीं दिखने के कारण यह दुर्घटना घटी। कारण लापरवाही ,मनमानी और नियमों का उलंघन। यह सब देखकर स्कूटर चालक अवाक खड़ा हो गया। खैर अब हो भी क्या सकता है ,अपने किये की सजा तो उसे भुगतनी ही पड़ेगी। परन्तु फिर भी उसने चलाकी करने की कोशिश की ,बजाए इसके कि उन बच्चों की सहायता करें ,वह वहां से भागने की कोशिश करने लगा। परन्तु तभी एक पुलिस वाला तथा कुछ लोग वहां पर आ गए। अतः वह वहां से भागने में सफल नहीं हुआ। एक सज्जन दोनों बच्चों को अपनी गाड़ी में बिठाकर अस्पताल ले गया और प्रियंक से पूछकर उसने उनके घर फोन कर दिया। घर वाले तुरंत ही अस्पताल पहुँच गए वहां पर उन्होंने उन बच्चों का इलाज कराया।
इधर स्कूटर चालक नवयुवक को पुलिस पकड़ कर ले गयी। वहाँ पर उसे जुर्माना भरना पड़ा और साथ ही उसे हवालात की हवा भी खानी पड़ी।
यातायात उलंघन में कठोर दंड अपरिहार्य
खैर जो भी हो परन्तु जब इन दुर्घटनाओं को देखकर या सुनकर मन सिहर उठता है ,तो जिन्होंने इन्हें स्वयं भोगा और देखा है तो उनकी क्या दशा होती होगी।
इन सड़क दुर्घटनाओं में कितने ही लोग अपंग हो जाते हैं और कितनों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ता है परन्तु यह सब सोचने से कोई लाभ नहीं है क्योंकि जब तक हम अपने बच्चों को वाहन देने से पूर्व यातायात के नियमों से अवगत नहीं कराएँगे। देश का प्रत्येक नागरिक जागरूक नहीं होगा। जब तक यातायात नियमों के उलंघन पर उचित दंड नहीं दिया जाएगा तब तक इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचना असंभव है।
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