अगर नाक न होती पाठ गोपाल बाबू शर्मा अगर नाक न होती पाठ का सारांश अगर नाक न होती पाठ के प्रश्न उत्तर Agar Naak Na Hoti story in Hindi bhasa bharti
अगर नाक न होती पाठ गोपाल बाबू शर्मा
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अगर नाक न होती पाठ का सारांश
अगर नाक न होती पाठ गोपाल बाबू शर्मा जी द्वारा लिखा गया एक हास्य व्यंग प्रधान लेख है। प्रस्तुत पाठ में नाक से जुड़े विभिन्न मुहावरों के प्रयोग द्वारा समाज में और शरीर पर नाक के महत्व को दर्शाया गया है। यह हास्य व्यंग प्रधान लेख है। इसमें लेखक ने विभिन्न उदाहरण देते हुए नाक की अच्छाईयों और बुराइयों का लेखा -जोखा प्रस्तुत किया है।
नाक का जीवन में बहुत महत्व है। इसकी खातिर लोग न जाने क्या क्या करते रहते हैं। नाक नीची होने के डर से वे खरीदने की औकात न होते हुए भी मँहगी किश्त देकर टी.वी ,फ्रिज आदि ले आते हैं। लोक अपनी धाक ज़माने के लिए अपनी नाक ऊँची रखते हैं। नाक के कारण आदमी को नाको चने चबाने पड़ते हैं। आदमी की अपनी नाक के साथ खानदान की नाक भी जुड़ी रहती है। कभी लड़का घर से रूठ कर भाग जाए या लड़की लव मैरिज कर ले ,तो पूरे खानदान की नाक कट जाती है। यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है कि नकटे दूसरों को भी नकटा देखना चाहते हैं। जब आदमी का बुरा वक्त आता है या उसे किसी से काम करवाना होता है ,तब वह सारी हेकड़ी भूल जाता है। वह हज़ार बार नाक रगड़ता है। गलती होने पर भी आदमी को नाक रगड़ती पड़ती है।
गुस्सा भी बहुत से लोगों की नाक पर रखा रहता है। उनसे जरा भी कहा नहीं कि बिना बात नाक फुला लेते हैं। नाम के जहाँ कमियाँ अथवा बुराईयों हैं ,वहाँ उससे ज्यादा अच्छाईयां भी हैं। इसीलिए जिनकी नाम नहीं होती है ,वे भी नाक लगाते हैं। वस्तुतः नाक रहना बहुत जरुरी है। वैसे भी और चेहरे पर भी। जिसकी कोई नाक न हो ,उसकी कोई सूरत देखना भी पसंद न करेगा बल्कि देखकर डरेगा। भला बिना छज्जे मकान का फ्रंट शोभा देता है।
नाक हो और सुन्दर हो तो सोने में सुहागा है। इसीलिए कवियों का नख -सिख वर्णन के अंतर्गत और फुटकर रूप में इसका काफी वर्णन किया है। आजकल तो नाक छिदाना आउट ऑफ़ फैशन हो रहा है। अब तो बिना नाक छिदवाये भी गहने पहने जा सकते हैं। आधुनिकताएं नथ को नकील का प्रतीक मानकर उसे पहनने से परहेज करती है। आज वे स्वयं पुरुष की नाक में नकेल डालना चाहती हैं।
मध्यकालीन काव्य में नायिकाओं की नाक के लिए बहुत सी उपमाएँ दी गयी है। अधिकाँश कवियों ने नाक की उपमा तोते की चोंच से दी है। उपन्यास कहानियों में सुन्दर नाक को सुतवा नाक कहा जाता है। नाक शरीर का सबसे अधिकाँश महत्वपूर्ण अंग है। यही कारण है कि इसे शरीर के सभी अंगों में सबसे ऊँचा स्थान प्राप्त है ,यह बात जरा लेटकर देखें तो स्वतः स्पष्ट हो जाती है। कुछ लोग नाक पर मक्खी तक नहीं बैठने देते हैं। बहुत से कुंभकर्ण की भाँती सोते हैं तो उनकी नाक ,नक्कारे सी बजती है। कुछ लोग नाकदार नहीं होते हैं ,पर बनते हैं। नाक रहने में ही भलाई है। नाक न होती ,तो खुशबु और बदबू में क्या अंतर रह जाता है।
आँखें हमेशा से लड़ती हैं। लड़ना -लडाना उनका स्वभाव है। पर नाक बीच में पड़कर उन्हें लड़ने से रोकती है ,अन्यथा आदमी उनके परस्पर लड़ने से आँखों से ही हाथ धो बैठता। अब लोगों की नज़रों में फर्क आता जा रहा है। अब चश्मे की जरुरत भी बढ़ रही है। चश्मा चाहे नज़र बढ़ाने का हो या नज़र चुराने का ,अगर नाक न होती तो बताइए ,यह चश्मा कहाँ ठहरता ? नाक ही तो चश्मे का अच्छा -ख़ासा स्टैंड है। नाक के कारण ही सीता का हरण और रावण का मरण हुआ। महाभारत का आधार भी द्रौपदी की नाक थी।
नाक के बहुत से फायदे हैं। श्वास लेने का साधन नाक ही है। नाक की गड़बड़ी से आदमी नाकियाने लड़ता है,वह नकसुरा कहलाता है। नाक हीटर का काम भी करती है। आजकल के पर्यावरण प्रदुषण के वातावरण में नाक प्रदूषण को फेफड़ों तक जाने से रोकती है। नाक में उगे बाल छन्ने और झाड़ू का काम करते हैं।
बहुत से लोग मतलब साधने के लिए अपने बॉस की नाक के बाल बन जाते हैं।
अगर नाक न होती पाठ के प्रश्न उत्तर
प्र. समाज में नाक रखने के लिए लोगों को क्या क्या करना पड़ता है ?
उ. समाज में नाक रखने के लिए लोगों को क़र्ज़ लेकर भी विवाह ,भात ,छोचक आदि में अंधाधुंध खर्च करना पड़ता है। जन्म पर ही नहीं ,मृत्यु पर भी लोग दावत खिलाते हैं। खरीदने की सामर्थ्य न होने पर भी मँहगी किश्त पर टीवी ,फ्रिज ,कूलर ले आना पड़ता है। पड़ोसी के बच्चों को कान्वेंट स्कूल में जाता देख अपने बच्चों को भी विवश होकर उसी में दाखिला दिलाना पड़ता है।
प्र. जिनकी नाक कट जाती है वे दूसरों को भी नकटा देखना क्यों पसंद करते हैं ?
उ. जिनकी नाक कट जाती है अर्थात सम्मान समाप्त हो जाता है ,वे दूसरों को भी नकटा देखना चाहते हैं। नकटा का अर्थ है सम्मान न होना। यदि दूसरों का सम्मान नहीं है तो इससे उन्हें संतोष होता है। इस प्रकार जिसका सम्मान नहीं है ,उसे दूसरों के सम्मान को जाता देखना अच्छा लगता है।
प्र. लोग किसी की नाक रगड़वाने के लिए मौके तलाश में क्यों रहते हैं ?
उ. लोगों को किसी की नाक रगड़वाने में ख़ुशी होती है। कई लोगों तो ईर्ष्या की भावना से प्रेरित होकर या बदले की भावना से किसी की नाक रगड़वाने के मौके की तलाश में रहते हैं।
प्र. लेखक ने नाक को शरीर का सबसे अधिक महत्वपूर्ण अंग क्यों माना जाता है ?
उ. लेखक का नाक को शरीर का सबसे अधिक महत्वपूर्ण अंग मानना उचित ही है। नाक शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है ही। वैसे भी नाक को सभी अंगों की अपेक्षा शरीर का सबसे ऊँचा स्थान प्राप्त है। आँख के आने या चली जाने पर काला चश्मा लगाकर काम चलाया जा सकता है। कान कट-फट जाय तो कनटोप पहनकर उसे छिपा सकते हैं ,पर नाक कट जाने पर चेहरा रेगिस्तान की भाँती एक दम सपाट या चक्की सा पाट नज़र आता है। प्लास्टिक सर्जरी द्वारा उसका इलाज तो करवाया तो जा सकता है ,पर वह इतना मँहगा है कि बड़ों बड़ों को नानी याद आ जाती है।
इन्ही कारणों से लेखक ने नाक को शरीर का सबसे अधिक महत्वपूर्ण अंग माना है।
प्र. नाक हमें बिमारियों से किस प्रकार बचाती है ?
उ. नाक हीटर का काम करती है। बाहर की ठंडी हवा को गरम करके अन्दर पहुंचाती है और ठण्ड लगने से बचाती है। आजकल पर्यावरण प्रदूषण जोरों पर है। वातावरण में व्याप्त प्रदूषण को फेफड़ों तक जाने से रोकने में नाक का बहुत महत्व है। नाक में उगे बाल छलनी तथा झाड़ू का काम करते हैं। इस प्रकार नाक हमें बीमारियों से बचाती है।
प्र. अगर नाक न होती ' शीर्षक की सार्थकता पर टिपण्णी कीजिये।
उ. किसी लेख ,कहानी उपन्यास आदि का शीर्षक ऐसा होना चाहिए जो स्पष्ट हो ,संक्षिप्त हो और विषय के अनुरूप हो। उससे उस लेख या कहानी आदि के वर्ण्य विषय की पूरी जानकारी मिल जाती है। इस दृष्टि से यदि इस लेख के शीर्षक पर विचार किया जाए तो यह स्पष्ट हो जाता है कि इस पाठ का शीर्षक अगर नाक न होती पूरी तरह से उपयुक्त और सार्थक है।
अगर नाक न होती पाठ के शब्दार्थ
मुहाल - कठिन
औकात - क्षमता
धाक जमाना - प्रभाव जमाना
इल्जाम - दोषारोपण
नाक कटना - अपमान होना
चोथ - गाय भैंस का गोबर
सुतवाँ - लम्बी पतली
नाकदार - सम्मानित
निहारना - देखना
हरण - चुराना
मुँह का खाना - हार जाना
नाक का बाल बनना - बहुत प्रिय होना
आँख दिखना - डांट डपट करना
दांत दिखाना - दीनता प्रकट करना
पीठ दिखाना - हार मानना
Lekhak din naak ki buraiyon ke sath sath uski achchaiyon ka bhi varnan kiya ine donon ke sambandh mein lekhak dwara diye Gaye udaharan ka varnan kijiye
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