त्रिशंकु हँस रहा है | हिंदी कहानी

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त्रिशंकु हँस रहा है आज सुबह से ही वाई पीएससी, यानी यमपुरी लोक सेवा आयोग में बहुत भीड़ और व्यस्तता है l काफी गहमा गहमी का माहौल है त्रिशंकु का कहना ह

त्रिशंकु हँस रहा है


ज सुबह से ही वाई पीएससी, यानी यमपुरी लोक सेवा आयोग में  बहुत भीड़ और व्यस्तता है l काफी गहमा  गहमी का माहौल है l कर्मचारी बहुत व्यस्त है l एक और विभाग में फाइलें जांची  जा रही है, दूसरी ओर हायर कमेटी बनाकर के एक विशेष कक्षा में बैठाई गई है l इधर एक हॉल में अभ्यर्थियों की काफी भीड़ है वह क्रमबद्ध तरीके से अपनी फाइलें हाथ में लिए हुए बैठे हुए हैं l यमपुरी के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इस बात का ध्यान दे रहे हैं कि भीड़ शांतिपूर्वक बैठे रहे l

मुझे भी उत्सुकता हुई है तो पूछ ही लिया एक युवक से आज यहां क्या है? चिंता से भरे हुए युवक ने कहा आज यहां इंटरव्यू है l और वह पुनः बैठकर चिंतामन में अपने पढ़े हुए विषय को दोहराने लगा l

मेरे लिए यह आश्चर्य का विषय था तो अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए मैं किसी व्यक्ति को इधर-उधर ढूंढने लगी, जो मेरे प्रश्नों का उत्तर दे सके l इधर उधर देखने के बाद अंततः मुझे एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मिल ही गया जिसके पास थोड़ा समय था और वह मेरे प्रश्नों का उत्तर दे सकता था l

त्रिशंकु हँस रहा है
हम आयोग के बाहर ही एक पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठ गए वहां उसने बताया महामारी और युद्ध की विभीषिका ओं के कारण आयोग में कुछ समय से व्यस्तता बहुत अधिक बढ़ गई है l चित्रगुप्त के लेखा-जोखा विभाग में कार्य बहुत अधिक है और करने वाले बहुत कम जिससे लेखा-जोखा समय से हो नहीं पा रहा है l इसके अतिरिक्त डिलीवरी और पिकअप बॉयस की भी बहुत जरूरत है l इसके अलावा स्वर्ग नरक के भी बहुत सारे विभागों में पद खाली हुए हैं l हालांकि सारे विभाग ऑनलाइन हो गए हैं फिर भी कर्मचारियों की बहुत कमी है l अतः व्यवस्थाओं को देखते हुए विभाग ने निर्णय लिया कि नए पद नियुक्त किए जाएं l विभागीय मंत्रणा के साथ अधियाचन ब्रह्मलोक विभाग भेजा गया l यहां भी वही हाल है वहां भी जन्मदर मृत्युदर का करने वाली फाइले लगातार  आ लगातार आ रही है l तो विभाग द्वारा फाइल संस्कृति के लिए रख दी गई क्योंकि अधियाचन आने के बाद विभागीय परामर्श एवं वित्तीय व्यवस्था को देखते हुए यह निर्णय लेगा होगा कि कितने पद विभाग को दिए जाए l

करीब 15 दिन के बाद अधियाचन वापस आया और विभाग में विज्ञापन निकालने की अनुमति दे दी गई l क्योंकि विभाग बहुत अधिक परेशानियों का सामना कर रहा था अतः विभाग द्वारा जल्द ही विभिन्न पदों पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी कर दिया गया l जब विज्ञापन जारी हुआ तो बेरोजगारों में काफी हलचल थी, क्योंकि वेतनमान बहुत अच्छा था अतः स्वर्ग और नर्क के उम्मीदवारों में दावेदारी करने की होड़ लग गई  l
    
विभाग सीधी भर्ती नहीं कर सकता था इसलिए उन्होंने विज्ञापन में परीक्षा द्वारा नियुक्ति का फैसला लिया था l परीक्षा के लिए अच्छा खासा सिलेबस भी तैयार किया गया था l क्योंकि बेरोजगारों को नौकरी की बहुत जरूरत थी इसलिए हर हर कठिनाई को पार करने के लिए तैयार थे l क्योंकि यह पद वाई पि एस सी में आए हुए थेl  अतः यहां फॉर्म के शुल्क के तौर पर पुण्य भरे जा रहे थे l स्वर्ग की ओर से आने वाले उम्मीदवारों के लिए निश्चित पुण्य में रखे गए थे l लेकिन नर्क के उम्मीदवारों के लिए यह संभव नहीं था अतः उनकी उन्हें फॉर्म की कोई फीस नहीं देनी थी l उम्मीदवार फॉर्म की सभी आवश्यक जानकारियों को भरते हुए अपने फॉर्म जमा करने लगे l अभी फॉर्म जमा होते हुए और विज्ञप्ति निकले हुए महीना भर ही हुआ था,' की विज्ञप्ति प्रक्रिया पर रोक लग गई l उत्साहित युवा अचानक हताश और निराश हो गए l उन्होंने तो नर्क की भट्टी में जलकर भी तैयारी शुरू कर दी थी l अचानक यह रोक उन्हें परेशान कर उठी थी l तब नारद मुनि धरती आकाश समाचार चैनल के माध्यम से  पता चला कि विज्ञप्ति से संबंधित कुछ याचिकाएं कोर्ट में लगा दी गई है l न्याय के देवता के पास यह अर्जी लगाई गई है l याचिका लगाने वाले उम्मीदवार धरती से है l उम्मीदवारों का मानना है कि जब पद संबंधी योग्यताएं वह भी रखते हैं तो उन्हें भी अपनी दावेदारी पेश करने का मौका दिया जाना चाहिए l अब आयोग और उनसे जुड़े अन्य सभी विभागों में बहुत खलबली मच गई l कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह कैसे संभव हो सकता है ? कोर्ट का नोटिस विभाग में आ चुका था l यह जानना चाहता था कि यह जानकारी वहाँ तक पहुंची तो पहुंची कैसे? काफी कोशिशों के बाद अंदरूनी जानकारियां निकाली गई, जिससे पता चला कि हाल ही में मृत्यु प्राप्त कर आए हुए कुछ आत्मा द्वारा अपने परिजनों से संपर्क कर यह जानकारी उन तक पहुंचाई है  l उन्होंने बहुत तरह से अपने परिवारों में खलबली मचाना शुरू कर दिया, जब उन्होंने ओझा आदि से संपर्क किया तो उन्हें यह बात पता चल गई  l और उन्होंने न्याय के देवता के पास याचिका लगा दी l
    
याचिका दायर हो चुकी थे इसलिए विभाग ने एक सरकारी वकील नियुक्त किया इधर याचिकाकर्ताओं के दिवंगत परिजनों द्वारा भी वकील नियुक्त किया गया l 15 दिन के बाद 1 तारीख लगी है जिस पर विपक्ष के वकील ने धरती के अभ्यर्थियों के  योग्य होने की बात कही l सरकारी वकील ने आयोग के विज्ञापन संबंधी नियमों के विषय में भी अपना पक्ष मजबूती के साथ पेश किया उसका कहना था कि आयोग द्वारा निकाले गए विज्ञापन में धरती के लोग दावेदारी नहीं कर सकते हैं l किंतु पूछो कल का कहना था कि आयोग द्वारा निकाले गए विज्ञापन में कहीं भी यह नहीं लिखा गया है कि धरती वासी इस के योग्य नहीं है l इसके अतिरिक्त शैक्षिक और अन्य योग्यताएं भी समान है जिसमें वह अपनी दावेदारी सिद्ध कर सकते हैं l
    
दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद कोर्ट अगली तारीख के लिए बर्खास्त कर दिया गया l ऐसे कई तारीख से लगी अंततः सरकारी वकील ने उनके सशरीर यमपुरी आने पर प्रश्न उठाया l विपक्ष का कहना था कि आयोग ने अपने विज्ञप्ति में ऐसा कहीं भी नहीं दिया है कि व्यक्ति को मृत ही होना आवश्यक है l धरती वासियों को अपनी योग्यता सिद्ध करने का अवसर अवश्य प्रदान किया जाना चाहिए  l तब सरकारी वकील ने यह प्रश्न उठाया कि वह इंटरव्यू देने किस प्रकार पहुंच सकेंगे? किंतु विपक्ष वकील का मजबूत पक्ष देखते हुए कोर्ट ने स्वीकृति प्रदान की l और स्वीकृति प्रदान करते हुए यह कहा कि धरती वासी भी फॉर्म भर सकते हैं किंतु इंटरव्यू के समय उनके पास स्वर्ग अथवा नर्क लोग का स्थाई निवास का प्रमाण पत्र होना आवश्यक होगा l और उन्हें प्रमाण पत्र बनाने का अवसर प्रदान किया जाएगा l
 
अब क्या था धरती में भी फॉर्म भरने की होड़ लग गई साथ ही स्थाई निवास प्रमाण पत्र के लिए लगातार ऑनलाइन आवेदन आने लगे l काम की अधिकता देखते हुए आयोग ने प्रमाण पत्र धरती से ही बना लेने का सुझाव दिया l यह तो और अधिक आसान था सभी फॉर्म भरने वाले अभ्यर्थियों ने अपना-अपना मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया l
   
अब आयोग के लिए एक बहुत बड़ा विषय था की परीक्षा कैसे कराई जाए? अपने यहां तो आसान था किंतु अब धरती में कैसे कराएं? बड़ा प्रश्न था l धरती से ही आए हुए एक कर्मचारी ने जो आयोग में कार्यरत था सुझाव दिया धरती की परीक्षा का कार्यभार धरती के ही किसी आयोग को दे दिया जाए l आयोग को यह सुझाव पसंद आया l और उन्होंने धरती के एक आयोग से बातचीत कर परीक्षा का कार्यभार वहां के आयोग को सौंप दिया l अब दोनों ही जगह परीक्षा की तिथि जारी कर दी गई, सभी युवा रात दिन एक कर मेहनत करने लगे हर कोई अपनी पढ़ाई पर लगातार जुड़ा हुआ था l निश्चित तिथि पर शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा भी संपन्न हो गई l महीने भर के अंदर परीक्षा का रिजल्ट जारी हुआ l स्वर्ग नर्क से अधिक धरती के अभ्यर्थियों द्वारा  परीक्षा पास की गई l आयोग ने  इंटरव्यू की तिथि जारी कर दी l
     
महीने भर के बाद अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए आयोग पहुंचना था l कुछ समय तैयारी के बाद उम्मीदवारों ने आयोग जाने की तैयारी की l क्योंकि वह शशरीर वहां नहीं जा सकते थे l इसलिए शहर में अचानक बहुत सी मृत्यु होने लगी l अभ्यर्थी स्वेच्छा से आयोग पहुंचने लगे l इंटरव्यू अलग-अलग दिनों में होना था, अतः बाकी के उम्मीदवारों को त्रिशंकु रिफ्यूजी रखा गया l
    
आज यह सब अपने-अपने इंटरव्यू देने के लिए यहां प्रतीक्षा रत बैठे हुए हैं l यह सुनकर बहुत आश्चर्य भी हुआ पर अलग भी लगा l  अब जाने का समय हो गया था l कर्मचारी से आग्रह उचित लगा कि वह आगे का परिणाम भी बता दें, ताकि यह जानकारी मेरे भी कुछ काम आ सके l कुछ दिनों के बाद आगे की जानकारी मेरे पास आई जो कुछ इस प्रकार थी l 
   
इंटरव्यू खत्म होने के बाद सारे उम्मीदवार वही रिजल्ट का इंतजार करने लगे l अभी रिजल्ट आता इससे पहले ही सूचना आई कि नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई है l अब सारे युवा हैरान और परेशान थे l सबसे अधिक असमंजस धरती से आए हुए उम्मीदवारों के लिए थी l उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि वह अब कहां जाएं? कोर्ट और विभाग द्वारा परीक्षा पर जांच बैठा दी गई l नारद मुनि समाचार चैनल के हवाले से यह खबर आ रही थी की परीक्षा में नकल हुई है अतः फिलहाल परीक्षा रद्द हो जाएगी l बेचारी युवा रिफ्यूजी कैंप में इसी चिंता में बैठे हुए थे कि उन्हें कहां स्थान मिलेगा l फिर भी एक उम्मीद थी कि शायद जांच के बाद यह प्रक्रिया आगे को बढ़ाएं l लेकिन ऐसा हुआ नहीं अंततः परीक्षा रद्द हो गई l
   
परीक्षा रद्द होने के बाद अब युवा चक्कर लगा रहे हैं कि उन्हें कहां जगह मिलेगी स्वर्ग में अथवा नर्क में? उनकी हालत देख करके त्रिशंकु ठहाका मारकर  हंसने लगा   l बेचारी युवा रोज चक्कर लगाते किंतु उनकी परेशानियों का कोई हल ना निकलता l क्योंकि यमपुरी विभाग का कहना था l यहां आने का फैसला उनका अपना था l अभी चित्रगुप्त डिपार्टमेंट में उनकी जीवन और मृत्यु संबंधी फाइलें जाँचनी बाकी है, दूसरा यहां वह केवल नौकरी हेतु इंटरव्यू देने आए हुए थे  इसलिए इस संबंध में विभाग कुछ नहीं कर सकता है l शरीर त्यागने का फैसला उनका अपना था l इसके लिए वह विभाग को दोष नहीं दे सकते l जब युवा बार-बार मिन्नत करने लगे तू विभाग ने व्यस्तता और कर्मचारियों की कमी का रोना रो दिया l

थके हारे कैंप में लोड करके वह कहते हैं कि विभाग का कहना है कर्मचारियों की कमी के कारण काम धीमे-धीमे हो रहा है अतः  इसमें समय लगेगा आज नहीं तो कल उनकी फाइलें देखी जाएगी l इसी संबंध में वह कतार बद्ध हो आयोग के विभाग के बाहर प्रतिदिन बैठते हैं l शाम को थके हारे वापस उसी कैंप में लौट जाते हैं l

इधर त्रिशंकु लगातार ठहाके मारकर हंसता रहता है, त्रिशंकु का कहना है जब हजारों वर्ष पहले विभागों की आपसी लड़ाई के कारण मैं अब तक में रिफ्यूजी कैंप में रह रहा हूं तो तुम्हें क्या लगता है तुम्हारी फाइलें इतनी जल्दी देख ली जाएंगी? कम से कम पढ़ते हुए एक बार मेरी कहानी भी पढ़ लेते  l विभागों की हीला हवाली के कारण मैं आज भी रिफ्यूजी कैंप में पड़ा हूं बस आज फर्क इतना है कि मेरे कुछ साथी और आ गए हैं l
 पहले मैं चिंता ग्रस्त रहता था अब हंस रहा हूं l



- डॉ चंचल गोस्वामी
पिथौरागढ़ उत्तराखंड

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