जो कुत्ता प्रेमी आवारा कुत्तों से प्रेम करते हैं उन्हें मैं आदर्श प्रेमी मानता हूं क्योंकि वे आध्यात्मिक प्रेमियों की तरह केवल एक तरफा प्रेम पर विश्व
कुत्ता प्रेम पर एक टिप्पणी
एक दिन अचानक उनका कुत्ता उनसे हिंदी में बात करने लगा वे हैरान हो गए। उन्होंने कुत्ते से कहा कि मैंने तो कभी तुमसे हिंदी में बात नहीं की । तुमने हिंदी कहां से सीखी ।
कुत्ते ने बड़े आत्मविश्वास के साथ उत्तर दिया - श्रीमान जी जहां से आपने हिंदी सीखी है, वहीं से मैंने भी सीखी है।
कुछ लोग कुत्तों से प्यार करते हैं।मैं कुत्ता पालने वालों से प्यार करता हूं। क्योंकि मेरे ख्याल से कुत्ता पालना मुश्किल काम है । जो कुत्ता पालते हैं वह लोग बहुत बड़ा काम करते हैं और जो कुत्ते अपने आप पल जाते हैं वो और बड़ा काम है।
सोचिए जिस समाज में आदमी का जीवित रहना मुश्किल हो वहां आवारा कुत्ता जिंदा रह सके, यह कितनी बड़ी बात है।
इतना तय है कि संघर्ष और दुख आदमी को ही नहीं कुत्तों को भी माँझता है। एक सर्वे के मुताबिक गली में रहने वाले कुत्तों का आईक्यू आराम से ए.सी घरों में पलने वाले कुत्तों से अधिक होता है। उनके अंदर संघर्ष करने की ज्यादा ताक़त होती है। वे अधिक कठिन परिस्थितियों में जीवित रह सकते हैं । वे आदमी को देखकर दूर से पहचान जाते हैं कि वह उन्हें ढेला मारेगा या नहीं।इसी संदर्भ में एक लतीफ़ा।
दोस्तों की महफिल जमी हुई थी। जाम पर जाम और साग़र पर साग़र खाली हो रहे थे।अजीब सरमस्ती का आलम था। इस दौरान दो दोस्तों में लतीफ़े सुनाने का सिलसिला इस तरह चल रहा था कि दोनों में कंपटीशन हो गया था कि देखें कौन कितने अच्छे लतीफ़े सुनाता है। इन दो दोस्तों में एक जो लतीफ़े सुनने में बाज़ी मारे जा रहे थे कुछ अनाड़ी किस्म के मैख़ार थे। अपने लतीफ़ों की कामयाबी पर इतना ख़ुश हो गए थे कि अपनी औक़ात से ज़्यादा पी गए। दूसरे दोस्त कराची से आए एक मंझे हुए खिलाड़ी थे जिन्हें लतीफ़े सुनने का मौक़ा नहीं मिल रहाथा।
कुछ ही देर में लतीफ़े सुनाने में बढ़त बनाने वाले दोस्त इतने ज़्यादा नशे में आ गए कि आपा खो बैठे।तब उन्हें उठा कर बाहर ले जाया गया और उनके ऊपर दो तीन बाल्टी पानी डाला गया।कुछ देर के बाद उनका नशा उतरा और वे महफिल में भीगी बिल्ली जैसे आकर बैठे तो कराची से आए मित्र ने कहा कि अब मैं एक लतीफ़ा सुनाता हूँ।उन्होंने कहा- कराची में हमारे एक दोस्त फर्स्ट फ्लोर पर रहते थे ।उनके पास बड़ा प्यारा छोटा सा कुत्ता था।गली के आवारा और मुस्टंडे कुत्ते जब आपस में लड़ा करते थे तो ये पप्पी रेलिंग पर पांव रख कर भौंका करता था। एक दिन पप्पी का बैलेंस बिगड़ गया और वह गली के आवारा और मुस्टंडे कुत्तों के दरमियान आकर गिरा। फिर मुस्टंडे कुत्तों ने उसका जो हाल किया वह बयान से बाहर है।
जो कुत्ता प्रेमी आवारा कुत्तों से प्रेम करते हैं उन्हें मैं आदर्श प्रेमी मानता हूं क्योंकि वे आध्यात्मिक प्रेमियों की तरह केवल एक तरफा प्रेम पर विश्वास करते हैं। उन्हें आवारा कुत्तों के लिए वह सब नहीं करना पड़ता जो घर में कुत्ता वाले पालने वालों को करना पड़ता है।
मेरे मोहल्ले में एक सज्जन आवारा कुत्तों से बड़ा प्रेम करते हैं उन्हें बिस्कुट खिलाते हैं। उनसे दुलार करते हैं। मैंने एक दिन उनसे कहा कि आप इन कुत्तों को अपने घर में क्यों नहीं रखते। इस पर वे बहुत सधे हुए स्वर में बोले - मैं एकाधिकार का विरोधी हूं। सार्वजनिक संपत्ति यानी पब्लिक सेक्टर का हिमायती हूँ और दूसरी बात यह है कि दूर का प्रेम ज्यादा अच्छा होता है ।यह बात सब जानते हैं आदमी हो, औरत हो या कुत्ता हो कुछ मिनट के प्यार में ही आनंद है।
मैं उन सज्जन के तर्कों से प्रभावित हुआ और मैंने कहा कि ये आवारा कुत्ते जिन्हें आप खिलाते पिलाते प्यार करते हैं वे अगर किसी को काट लें तो क्या आप इलाज कराएंगे ? उन्होंने सरकारी अस्पताल का फोन नंबर देते हुए कहा कि यह मैंने कुत्ते के पट्टे पर भी लिख दिया है।
कुत्ता पालने वालों की सेहत आमतौर पर अच्छी होती है जबकि उनके कुत्ते की सेहत आमतौर पर अच्छी नहीं होती। क्योंकि कुत्ता पालने वाले कुत्तों को खिलाते ज़्यादा हैं और टहलाते कम है। आपने देखा होगा लोग सुबह-सुबह अपने कुत्तों को लेकर, कुत्तों के लिए करने वाले एक जरूरी काम से बाहर निकलते हैं। कुछ लोगों के हाथ में कागज या अखबार का एक टुकड़ा भी होता है। कुत्ते की जंजीर पकड़कर वे टहलते टहलते अचानक रुक जाते हैं क्योंकि उनका कुत्ता किसी मोटर के पहिए का अपमान करने लगता है। आप पूछ सकते हैं कि कुत्तों को कार के पहिए से ही क्या दुश्मनी है। और जब कारें नहीं थीं तो क्या कुत्ते .........
कारों के प्रति कुत्तों का सनातन क्रोध सड़क पर मोटर गाड़ियों से कुचलकर मरने वाले कुत्तों के प्रति सहानुभूति और मोटर वाले के प्रति गुस्सा दर्शाता है।
जब साहब का कुत्ता जब एक विशेष मुद्रा में बैठ जाता है और पदार्थ विसर्जित करने लगता है तब कुत्ते का साहब उधर नहीं देखता। वह अपने आप को कुत्ते की इस हरकत से अनजान दिखाता है । यह लगता है जैसे उसको पता ही नहीं कि उसका कुत्ता क्या कर रहा है। और यह भी दिखता है कि उसका कुत्ता इतना सभ्य है कि जो कर रहा है वह कर ही नहीं सकता।
दुःख की बात है कि अब तक हमने कुत्तों के मल मूत्र पर कोई महत्वपूर्ण आविष्कार नहीं किया है।कुछ ऐसी खोज होनी चाहिए कि कुत्ते का मल जानलेवा बीमारियों की अचूक दवा है। उसके लगातार देखने से आयु बढ़ सकती है। यही नहीं बल्कि उसे घर में रखने से धन-संपत्ति, मान सम्मान बढ़ सकता है। ऐसी कोई खोज हमारे महान देश में ही हो सकती है।
वे अपने कुत्ते से इतना प्यार करने लगे कि धीरे-धीरे उनकी शक्ल उनके कुत्ते से मिलने लगी और कुत्ते की शक्ल उनसे मिलने लगी।प्यार जब आगे बढ़ा तो कुत्ता उनकी तरह चलने लगा और उन्होंने कुत्ते की चाल चलना शुरू कर दी। प्यार जब और आगे बढ़ा तो वे कुत्ते की तरह प्रेम करने लगे और कुत्ता उनकी तरह।
एक बड़ा सवाल यह है कि समाज में कुत्तों से जितना प्यार किया जाता है उतना आदमी से क्यों नहीं किया जाता? आवारा कुत्ता पसंद है...पर आवारा आदमी नहीं । लेकिन इस पक्ष पर बात नहीं करनी चाहिए यह राजनीति है। और इससे कुछ बड़े नेताओं की मानहानि होती है। ऐसा कहने पर छापा पड़ सकता है या गिरफ्तारी और सज़ा हो सकती है।
उन्होंने अपनी कोठी के बाहर बहुत बड़े बड़े अक्षरों में कुत्ते से सावधान लिखवा कर लगा दिया है लेकिन उनकी कोठी में कोई कुत्ता नहीं है।
- असग़र वजाहत
बहुत खूबसूरत रचना
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