21वीं सदी का भारत पर निबंध Essay on 21st century India in hindi हिन्दी मे 21वीं सदी का भारत पर निबंध essay on 21 century India year in Hindi 21वीं सदी
इक्कीसवीं शताब्दी में भारत
India in 21st century essay in hindi 21वीं सदी का भारत पर निबंध 21वीं सदी का भारत पर निबंध हिन्दी मे हिन्दी मे 21वीं सदी का भारत पर निबंध essay on 21 century India year in Hindi 21वीं सदी का भारतवर्ष पर हिंदी में निबंध - आज हम इक्कीसवीं शताब्दी में प्रवेश कर चुके हैं। अभी तो इस सदी का प्रारम्भ हुआ और हम जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं। कल तक जो बातें केवल स्वप्न थीं, अब वह सत्य का रूप लेकर सामने आ रही हैं। इस सदी के आने वाले अनेकानेक वर्षों में भारत कितनी प्रगति करेगा ? संसार के श्रेष्ठ देशों में भारत का क्या स्थान होगा ? यह नयी शताब्दी भारतीयों को किस प्रकार के अनुभव दे जायेगी ? नयी शताब्दी के यह आने वाले दिन तथा वर्ष कैसे होंगे ? अच्छे या पहले से भी बदत्तर । यह सिर्फ अनुमानित ही किया जा सकता है, अनुभव नहीं।
आगामी वर्षों में भारत का स्वरूप
आज भारत ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्रों में निरन्तर नये-नये आविष्कार करते हुए नये-नये उद्योग-धन्धे, कल-कारखाने स्थापित कर व्यवहारपरक खुली नीतियाँ अपनाकर जिस प्रकार विश्व में नई शक्ति के रूप में उभर रहा है उससे प्रतीत होता है कि भारत प्रत्येक क्षेत्र में निरन्तर उन्नति करता रहेगा। भारत की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी। बढ़ती हुई जनसंख्या पर व उद्योग-धन्धों का निरन्तर विकास कर बेरोजगारी जैसी समस्याओं पर काबू पा लिया जायेगा। भ्रष्टाचार समूल समाप्त कर शासन- प्रशासन को हर स्तर पर साफ-सुथरा बना लिया जायेगा। कम्प्यूटर का प्रयोग व्यापक रूप से बढ़ता जा रहा है। सभी को हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध होगी। अभाव का कहीं नाम नहीं रहेगा।
भारत की प्रौद्योगिकी प्रगति आर्थिक विकास
देश में आकाशवाणी, दूरदर्शन आदि संचार माध्यमों का विकास कम्प्यूटर तकनीकी द्वारा किया जा रहा है। बैंकों में भी कम्प्यूटर का उपयोग युद्ध स्तर पर जारी है। 21वीं सदी के आने वाले वर्षों में सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कम्प्यूटरीकृत हो जायेंगे। शिक्षा क्षेत्र, आणविक ऊर्जा, विद्युत उत्पादन में भारत आत्मनिर्भरता की श्रेणी में पहुँच चुका है तथा आगे भी इसी प्रकार लगातार उन्नति करेगा।
भारत की नई शिक्षा नीति रोजगारोन्मुखी होगी, व्यावसायिक शिक्षा का महत्व बढ़ेगा। 21वीं सदी में यहाँ का युवा वर्ग शिक्षित होगा और उसे रोजगार मिलेगा। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, हिंसा, साम्प्रदायिक अराजकता, लूटपाट समाप्त होगी। सभी लोग एक-दूसरे की मानसिकता, आवश्यकता व स्थिति का ध्यान रखकर प्रेम, अहिंसा और भाईचारे से निवास करने वाले होंगे। विद्यालय एवं विश्वविद्यालय एक अनूठा रूप लेंगे।
भारतीय कलाकारों का विदेश में काफी सम्मान हो रहा है। 21वीं सदी में सारा विश्व भारतीय कला का लोहा मानने लगेगा। हम यह कल्पना कर सकते हैं कि 21वीं सदी का भारत एक नई जागृति, नई चेतना और नई आशा का संचार करेगा। हमें आशा रखनी चाहिए कि 21वीं सदी में भारत एक सुखी तथा सम्पन्न देश होगा।
21वीं सदी की चुनौतियां
जिस प्रकार सिक्के के दो पहलू होते हैं उसी प्रकार आर्थिक उन्नति होने के साथ ही साथ कुछ नयी समस्याएँ भी उत्पन्न होंगी।भोजन एवं शयन से लेकर भवन-निर्माण, यातायात, शिक्षण सभी कुछ कम्प्यूटर के सहारे होने लगेगा। अगला विश्व युद्ध आणविक अस्त्रों द्वारा अन्तरिक्ष में लड़ा जायेगा और संसार विनाश के पथ पर अग्रसर हो जायेगा। रोटी, कपड़ा, मकान की समस्या भीषण समस्या बन जायेगी। जल स्रोत, ईंधन और ऊर्जा के सारे प्राकृतिक स्रोत घटकर आधे रह जायेंगे। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा। कुरीतियों और भ्रष्टाचार का बोलबाला होगा जो आदमी को कहीं का नहीं रहने देगा।
भारत एक धनी देश है, परन्तु यहाँ के निवासी निर्धन हैं। यह कहावत 21वीं सदी में पूर्णत: चरितार्थ होगी। वर्तमान युग में आर्थिक संकट बढ़ता जा रहा है। पूँजीवादी व्यवस्था जमाखोरी और तस्करी में वृद्धि की परिचायक साबित हो रही है। पंचवर्षीय योजनाओं के लिए जुटाया गया धन विकास कार्य हेतु कागजों तक सीमित हो जायेगा ।
निष्कर्ष
हमारा विश्वास है कि 21वीं सदी में भारत विकसित देश की भाँति संसार के सभी देशों में अग्रणी होगा। कुल मिलाकर 21वीं सदी का भारत अपनी प्रस्तुत आकांक्षाओं को साकार करने में समर्थ होगा और संसार की अग्रणी शक्ति के रूप में उभरकर आयेगा।
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