मेरी प्रिय ऋतु वसंत हिंदी निबंध My Favourite Season Essay essay on basant Ritu in Hindi My favourite season essay वसंत ऋतु का आगमन वसंत ऋतु का हमारे
मेरी प्रिय ऋतु वसंत हिंदी निबंध | My Favourite Season Essay
मेरी प्रिय ऋतु वसंत हिंदी निबंध वसंत ऋतु पर निबंध वसंत ऋतु के आने पर प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन दिखाई देते हैं essay on basant Ritu in Hindi Essay on spring season in hindi essay on spring season in hindi for classes 1st 2nd 3rd 4th 5th 6th 7th 8th 9th 10th My favourite season essay on my favourite season in Hindi short essay on spring season - सम्पूर्ण विश्व में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहाँ पर क्रमशः छ ऋतुएँ - वसन्त, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, शिशिर एवं हेमन्त बारी-बारी से आती हैं एवं अपनी-अपनी अद्भुत छटा से मानव-मन को मोहित कर पुनः आगमन का आश्वासन देकर चली जाती हैं।
ऋतुएँ हमारे जीवन में एक सुखद परिवर्तन लाती हैं। यदि जीवन भर एक ही ऋतु रहती तो मौसम न बदलते, और यदि मौसम में परिवर्तन न होता तो जीवन कितना नीरस, कितना बेरंग होता। महाकवि कालिदास ने सत्य ही कहा है -
क्षणे-क्षणे यन्नवतामुपैति,
तदैव रूपम् रमणीयताया।
तात्पर्य यह है कि सौन्दर्य वही जो हर-क्षण, हर-पल नवीन लगे, नूतन लगे। परिवर्तन से ही हमारा जीवन रोचक, सरस एवं रमणीय बनता है। ऋतुओं द्वारा लाए गए परिवर्तन हमारे जीवन की एकरसता को दूर कर हमें उल्लास एवं हर्ष से भर देते हैं।
वसंत ऋतु का आगमन
मेरी प्रिय ऋतु वसन्त ऋतु है। इस ऋतु में प्रकृति अद्भुत सौन्दर्य धारण करती है। चारों ओर सौन्दर्य की अद्भुत छटा बिखर जाती है। प्रकृति जैसे सुगबुगाने लगती है, सूखे पेड़ों में नवजीवन जागृत होने लगता है। नयी-नयी, लाल-लाल कोमल पत्तियाँ अपनी अलसायी आँखें खोलकर वसन्त ऋतु का स्वागत करती हैं। कोमल-सुकुमार पेड़-पौधे फूलों का श्रृंगार कर हमारे तन-मन को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। आम के वृक्ष बौर से लद जाते हैं। अद्भुत मादक सुगन्ध चारों ओर छा जाती है। बावरी-सी कोयल मधुर स्वर में कूकने लगती है।
मुझे वसन्त ऋतु इसलिए भी अच्छी लगती है क्योंकि शीत ऋतु के लम्बे अवकाश के बाद हमारे स्कूल फिर से खुल जाते हैं। एक पर्वतीय प्रदेश की निवासी होने के कारण ऋतु का यह बदलता रूप मुझे कुछ इस तरह प्रसन्न कर देता है-
कुछ ऐसे भोर गुनगुना उठी,
अलसाए कुहरे की बाँह सिमटने लगी।
नरम-नरम किरणों की नयी-नयी धूप में,
राहों से पेड़ों की छाँह लिपटने लगी।
लम्बे समय तक गर्म कपड़ों से लदे रहने के कारण अब कुछ हद तक उनसे छुटकारा मिल जाता है। अपने सहपाठियों से पुनः मिलने की खुशी मुझे पुलकित कर देती है।
वसंत ऋतु का हमारे जीवन और मानव पर प्रभाव
इसी ऋतु में अनेक त्योहारों का भी आगमन होता है जैसे कि वसन्त पंचमी, होली, बैसाखी आदि । परन्तु इन सब त्योहारों में वसन्त पंचमी मुझे सबसे ज़्यादा अच्छी लगती है । वसन्त पंचमी के दिन को माँ सरस्वती के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। स्त्रियाँ एवं बच्चे पीले रंग के कपड़े धारण करते हैं। बाज़ार में जहाँ भी देखो पीले-पीले रूमाल लहराते हुए जैसे वसन्त ऋतु का अभिवादन करते हैं। अनेक शुभ काम जैसे कि- विवाह, मुण्डन, यज्ञोपवीत, कर्णवेध तथा विद्या आरम्भ भी इसी पंचमी के दिन सम्पन्न किए जाते हैं। दादी माँ इस दिन हम सबको टीका करके हमारे सिर पर जौ की हरी-हरी पत्तियाँ रख कर हमें फलने-फूलने का आशीर्वाद देती हैं।
इस दिन हम सभी विद्यादायिनी माँ शारदा का वन्दन पूजन करते हैं, मन लगाकर पढ़ने का संकल्प करते हैं। इन सभी बातों से इस त्योहार का महत्त्व और भी बढ़ जाता है।इस प्रकार वसन्त ऋतु के आगमन से मानव मात्र तो क्या प्रकृति भी आह्लादित हो जाती है।
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जवाब देंहटाएंNaruto what is the observation when magnesium oxide is added to the editor of the newspaper highlighting your concern over the years to come out of his life and the next moment advertising the matrix
जवाब देंहटाएंMoon
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