मानव जाति के अभिवादन में छिपा होता है जीवन दर्शन, हिन्दू के अभिवादन का हमेशा एक ही अर्थ होता है नमन, प्रणाम प्रणिपात का तात्पर्य प्राणियों का झुककर अभ
मानव जाति के अभिवादन में छिपा होता है जीवन दर्शन
मानव जाति के अभिवादन में छिपा होता है जीवन दर्शन,
हिन्दू के अभिवादन का हमेशा एक ही अर्थ होता है नमन,
प्रणाम प्रणिपात का तात्पर्य प्राणियों का झुककर अभिनंदन,
हिन्दुओं का नमन बड़ों का चरण वंदन,छोटे को आशीर्वचन,
हिन्दू हिंसा का दूषण करते, अहिंसा में चिर शाश्वत जीवन!
नमस्ते का अर्थ तुम्हें नमन,नमस्कार का तुझे नमस्कार है,
विनम्र होना हिन्दू संस्कार है,विनम्रता जीवन का आधार है,
हिन्दू गुरुजनों के समक्ष सिर झुकाकर ही शुभाशीष पाता है,
हिन्दुओं में जब अहंकार आता है, तभी विनाश छा जाता है,
क्रूर अहंकारी मारा जाता है,सदाचारी का जयकारा लगता है!
मैं सलामत रहूँ, तुम भी सलामत रहो, सुबह-शाम दुआ सलाम,
जहाँ प्रचंड धूप अंधड़ तूफान रेगिस्तान, वहाँ जीना नहीं आसान,
खुदा हाफिज एक खुदा का आसरा,अल्लाह हाफिज जीवन सहारा,
कबिलाई आपस में लड़ते भिड़ते मरते थे, कुदरत से सदा हारा!
सुबह सुबह निकले दिशाहीन रेगिस्तान में कोसों दूर तक चले,
पता नहीं फिर कब मिलेंगे,सलामत रहे तो फिर अवश्य मिलेंगे,
चलो ऐसे में सलाम वालेकुम कहूँ,तुम भी वालेकुम सलाम कहो,
क्या करते बेचारे सूर्य की गर्मी से निजात के लिए चाँद चाहिए,
रेतीली मरुभूमि में हरियाली के लिए हरी पताका वितान चाहिए!
अंग्रेजों का अभिवादन समय के सुन्दर होने का है शुभ वचन,
गुड मॉर्निंग,गुड इभनिंग,गुड नाइट, शुभ वक्त के लिए सिमरन,
ठंडे देश में वर्ष भर सूर्योदय सूर्यातप होता नहीं, सिर्फ ठंडापन,
सूर्यातप से जठराग्नि बढ़ती, जठराग्नि से होता भोजन पाचन,
यूरोपी अमेरिकी की आकांक्षा शुभ सुबह,शुभ शाम रात्रि विश्राम!
जहाँ सूर्योदय होता वहाँ सुबह का भरपेट भोजन सेहतमंद होता,
जहाँ सूर्योदय नहीं वहाँ जठराग्नि मंद होती,अल्पाहार पसंद होता,
भारत में सूर्योदय सूर्यास्त नियमित होता, जीवन संयमित होता,
ठंडे देशों में सबेरे सूर्योदय नहीं होने से भरपेट खाया नहीं जाता,
भोजन का सम्बन्ध सूर्यातप से,सूर्यास्त के बाद मानव सो जाता!
मानव को जिसके नहीं होने की आशंका, उसे पाने की चाहत होती,
वही अभिवादन का विषय होता,उसकी ही खैरियत की आदत होती,
अरब के मुस्लिम हमेशा इंसाअल्लाह कहते, खुदा का कशीदा पढ़ते,
पश्चिम के ईसाई अच्छे समय की इच्छा करते,वक्त की दुहाई देते,
हिन्द में समय अच्छा शांति सलामती है,जरुरत सिर्फ सदाचार का!
हिन्दुस्तान का समय कभी खराब नहीं होता,शुभ होता आठोयाम,
सुबह सूर्य रश्मियाँ उठाती, जठराग्नि बढ़ाती, खूब खाते सुबह-शाम,
वर्ष भर छःऋतुएँ अन्न धन फल मूल दूध छप्पनभोग का इंतजाम,
हिन्दुस्तान है प्रकृति का पुजारी,जन जन कण कण में है भगवान,
भारत में निश्छल निर्मल निरोगी योगी, वेद उपनिषद गीता ज्ञान!
भारतवर्ष में आदि सनातन से चली आ रही एक सुधारवादी सभ्यता,
धर्म अर्थ काम मोक्ष के लिए राम आए,कृष्ण ने नष्ट की थी दुष्टता,
भारत में जब जब अनय बढ़ा,धर्म का क्षय हुआ, मानव निर्दय हुआ,
ऋषभदेव से महावीर औ बुद्ध आकर स्थापित किए दया धर्म अहिंसा,
दस गुरु ने जातिभेद मिटाकर हमें सिखाए वीरता देशभक्ति एकता!
भारत की मजबूत जठराग्नि हाजमा शक्ति, जो सबकुछ पचा जाती,
यहाँ आक्रांता आए शक,हूण,यवन,कुषाण,पह्लव,सब हुए हिन्दू जाति,
कुछ वापस चले गए,जिसे रास ना आई भारत की सभ्यता संस्कृति,
हिन्दू हिंसा से दूर रहता, सब पर भारी है हिन्दू की सहिष्णुता नीति,
एक दौर ऐसा आएगा,जिसमें सब समा जाएगा,बचेगा सनातन रीति!
- विनय कुमार विनायक
दुमका,झारखण्ड-814101
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