डिजिटल इंडिया अभियान पर निबंध Essay on Digital India in Hindi डिजिटल इंडिया अभियान भारत के समाज को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस
डिजिटल इंडिया अभियान पर निबंध
डिजिटल इंडिया अभियान पर निबंध Essay on Digital India in Hindi डिजिटल इंडिया अभियान भारत के समाज को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने की एक पहल है । 1 जुलाई, 2015 को आरंभ किये गए इस अभियान के तहत नागरिकों को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाने, सरकारी सेवाओं को डिजिटल माध्यमों से जनता तक पहुँचाने, सूचना तकनीक और दूरसंचार के क्षेत्र में व्यापक आधारभूत ढाँचे का विकास करने तथा विभिन्न विभागों एवं मंत्रालयों की डिजिटिल सेवाओं को आपस में जोड़ने पर बल दिया जा रहा है। इसको भारत की राजनैतिक-सामाजिक व्यवस्था और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ देश की जनता को ज्ञान आधारित भविष्य की ओर ले जाने के महत्वाकांक्षी प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
डिजिटल इंडिया अभियान का लक्ष्य
डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों में देश में व्यापक स्तर पर आधारभूत डिजिटल सेवाओं का विकास, जनता को इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से सरकारी सेवाएँ तथा प्रशासनिक सुविधाएँ हर समय उपलब्ध कराना (ऑन डिमांड सुविधाएँ) और भारतीय नागरिकों को तकनीकी दृष्टि से सक्षम और सबल बनाना शामिल है। इस अभियान के माध्यम से देश की 1.2 अरब जनसंख्या को ई-प्रशासन, ई-कॉमर्स, ई-शिक्षा और ई-बैंकिंग जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराकर सरकार को नागरिकों के प्रति और प्रतिबद्ध करने पर बल दिया जाएगा। डिजिटल इंडिया के तहत विकास के नौ स्तंभ चिह्नित किये गए हैं जिनमें ब्रॉडबैंड हाइवेज, सर्वत्र उपलब्ध मोबाइल कनेक्टिविटी, इंटरनेट के सार्वजनिक प्रयोग की सहज सुविधा ई-प्रशासन, ई-क्रांति, सबके लिए सूचना, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण, रोजगार के लिए सूचना प्रौद्योगिकी तथा अर्ली हार्वेस्ट कार्यक्रम शामिल हैं।
इन कार्यक्रमों से समाज का एकीकरण होगा तथा सरकार और नागरिकों के बीच संबंध और मजबूत होंगे, परंतु इस मार्ग में कई चुनौतियाँ हैं । इन चुनौतियों से निपटकर एस्तोनिया, स्वीडन और डेनमार्क जैसे देशों के मॉडल से सीख लेकर भारत डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में एक मिसाल कायम कर सकता है।
डिजिटल इंडिया अभियान के लाभ
वर्तमान समय डिजिटल युग है और इस युग को मानव जाति ने बड़े ही हर्ष के साथ स्वीकार किया है। इंटरनेट अभी की सबसे बड़ी आवश्यकता है . अगर ये यहा जाए कि 21वीं सदी डिजिटल माध्यम के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु जानी जाएगी तो इसमें कोई शक नहीं। क्योंकि वर्तमान समय में यह संचार क्रांति का सबसे अनूठा और सशक्त माध्यम बन चुका है। अगर भारतीय दृष्टिकोण की बात की जाए तो भारत में शहर तो छोड़िए गाँव के कोने-कोने तक यह माध्यम अपने पाँव पसार चुका है। और सच भी है क्योंकि हम सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरकर सामने भी तो आए हैं। लेकिन जहाँ एक ओर इंटरनेट हमारे लिए फायदेमंद है वहीं दूसरी ओर इसके दुष्प्रभाव भी कई रूपों में हमारे सामने आए हैं लेकिन इंटरनेट के प्रचलन ने समस्त मानव जाति में एक अनोखा बदलाव ला दिया । इंटरनेट का सबसे बड़ा फायदा शिक्षा, उद्योग, बैंकिंग सेक्टर के साथ-साथ और भी कई छोटे-बड़े रूपों में हमारे सामने हैं। आज हम 4G के जमाने को पार कर 5-G की अनूठी दुनिया में प्रवेश करने वाले हैं। अगर गाँवों को छोड़ दिया जाए तो भारत के कई बड़े शहरों में 5-G की शुरुआत भी हो चुकी है जिसमें मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता आदि प्रमुख हैं ।
आज हम जिस ऑनलाइन शिक्षा और ऑनलाइन लाइव क्लासेस का प्रमुखता से लाभ उठा रहे हैं वह इंटरनेट के विकसित रूप के कारण ही संभव हो पाया है। खुद से 1000 मील दूर बैठे लोगों से वीडियो कॉल पर क्षणभर में बात हो जाती है, यह इंटरनेट की देन है ऑनलाइन लेन-देन संबंधी जानकारियाँ और उद्योग जगत की संपूर्ण गतिविधियों को हम निरंतर फॉलो कर पाते हैं, यह इंटरनेट के कारण ही संभव हो पाया है।
डिजिटल इंडिया के हानि
लेकिन दूसरी ओर इंटरनेट ने हमें एकदम पंगु बनाकर रख दिया है। इंटरनेट और मोबाइल की अनोखी दुनिया ने हमें एक कमरे में कैद कर दिया है। हमारे स्वास्थ्य पर जिसका बुरा प्रभाव आसानी से देखा जा सकता है। ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन बेटिंग और न जाने कई तरह के ऐप्पस बस इंटरनेट की बेहतर सर्विस के कारण ही अपने प्रचलित रूप में हैं और लोगों के बीच लोकप्रिय हैं और इसमें सबसे ज्यादा मुनाफा टेलिकॉम कंपनियों को मिल रहा है जिसने बाजार पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया है। इंटरनेट की बेहतर सुविधा ने बच्चों सहित कई मानवीय कुरीतियों को भी बढ़ावा दिया है।
खैर अगर इन कुछेक बातों को छोड़ भी दिया जाए तो इंटरनेट की सुविधा ने हमें कई तरह से वैश्विक गतिविधियों से जोड़े रखा है / जिसका दूरगामी प्रभाव उज्ज्वल प्रतीत होता है।
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