एकता ही जीवन है एकता ही जीवन है पर हिंदी निबंध Why Unity Is Important in Life एकता का अर्थ एकता की शक्ति आवश्यकता एकता से लाभ एकता न होने से हानि
एकता ही जीवन है
एकता ही जीवन है पर हिंदी निबंध Why Unity Is Important in Life एकता का साधारण अर्थ होता है - मेल-मिलाप या संगठित होकर अथवा मिल-जुलकर किसी काम को सम्पन्न करना।
किसी देश या राष्ट्र की उन्नति के लिए एकता बनाये रखना बहुत जरूरी है। एकता का महत्व मनुष्य को उस समय ही मालूम हो गया था, जब वह बिल्कुल असभ्य था। अपनी उस स्थिति में भी वह एकता के बल पर जंगलों में रहने वाले हिंसक पशुओं से अपनी रक्षा करता था।
एकता की आवश्यकता
आज भी समाज या राष्ट्र के लिए एकता की बहुत बड़ी आवश्यकता है। जब तक समाज या राष्ट्र में एकता बनी रहती है, तब तक कोई शत्रु उसका कुछ बिगाड़ नहीं सकता। लेकिन एकता के भंग होते ही कमजोर से कमजोर शत्रु भी उस देश पर आक्रमण कर विजयी बन जाता है। कहा भी गया है कि कलियुग में संघ ही शक्ति है-"संघे शक्तिः कलौयुगे।"
किसी भी कार्य या उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें एकता की जरूरत पड़ती है। कोई भी बड़ा से बड़ा कार्य अगर हमारे सामने आता है तो उसके हल या निराकरण के लिए हमें सामूहिक सलाह या मशविरे की आश्यकता पड़ती है। उससे लाभ उठाकर हम उस काम को आसानी से सम्पन्न कर डालते हैं। पाँव तले रौंदी जाने वाली चीटियों का उदाहरण हमारे समाने है। एकता के बल से ही वे हाथी जैसे बलशाली जानवर को परास्त कर डालती हैं। पानी की एक-एक बूँद से ही तालाब भरता है, एक-एक पैसा इकट्ठा करने से ही व्यापारी लखपति बनता है।
एकता से लाभ
एकता एक बहुत मूल्यवान वस्तु है। इससे बहुत लाभ हैं। हमें परिवार, समाज और देश की एकता बनाये रखने के लिए हर सम्भव उपाय अपनाना चाहिए। परिवार की प्रगति एकता बनाये रखने पर ही हो सकती है। समाज का अग्रसर होना भी एकता पर आधारित हैं। देश की सुरक्षा भी एकता के द्वारा ही हो सकती है। एकता के द्वारा हम अपनी सुख-सुविधा में चार चाँद लगा सकते हैं। अगर समाज में थोड़े व्यक्ति गरीब हैं तो उनकी गरीबी हम एकता के बल से दूर कर सकते हैं। अशिक्षितों को शिक्षित बना सकते हैं। यदि किसी कारखाने या मिल का मालिक मजदूरों पर अत्याचार करता है तो एकता के माध्यम से हम उसके अत्याचार को समाप्त कर सकते हैं और अपनी असली माँगों को पूरा करने का दावा कर सकते हैं।
एकता से प्रत्येक व्यक्ति को लाभ पहुँचता है। व्यक्ति से ही समाज बनता है। इसी समाज का व्यक्ति अपने स्वतन्त्र देश का शासक या संचालक बनता है। उसे भी शासन को सुचारु रूप से चलाने के लिए एकता की आवश्यकता पड़ती है। एकता में अद्भुत शक्ति होती है। एकता के बल पर ही बाबर की बारह हजार सेना ने साँगा की एक. लाख सेना को पराजित कर दिया था। एकता के बल से अंग्रेजों ने एशिया तथा अफ्रीका के बड़े भू-भागों पर सैकड़ों वर्षो तक शासन किया। इतना ही नहीं, भारत ने एकता के बल से ही अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए बाध्य किया या यों कहिये कि देश को गुलामी के बन्धन से मुक्ति दिलायी।
एकता न होने से हानि
एकता न होने से समाज की बड़ी हानि होती है। कोई भी राष्ट्र या देश एकता के अभाव में रोगी या जीर्ण-शीर्ण हो जाता है। महाप्रतापी राजा रावण और विभीषण में एकता न रहने के कारण राम की बानरी सेनाओं ने लङ्का को तहस-नहस कर दिया। भारत के हिन्दू राजाओं में एकता न रहने के कारण ही इस देश पर मुसलमानों का आधिपत्य हुआ और वे सैकड़ों वर्षों तक शासक रहे। सिराजुद्दौला और मीरजाफर में एकता के अभाव ने ही भारतवर्ष में अंग्रेजों को पाँव जमाने में मदद पहुँचायी। हमारी एकता के अभाव के परिणामस्वरूप ही देश सदियों तक गुलाम बना रहा। अतः हमें सदैव सचेष्ट रहना चाहिए कि हमारी एकता भंग न हो और हम हमेशा एकता के बल से बलशाली बने रहें।
उपसंहार
थोड़े में एकता की शक्ति को इस प्रकार समझा जा सकता है। जब तक हम सब भारतवासी एक हैं, तब तक दुनिया के अधिकांश देश हमारा आदर और सम्मान करते हैं। परन्तु इस समय की परिस्थिति कुछ और है। हमारी सीमा पर हमारे पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान गिद्ध की तरह आँख लगाये हुए हैं। उनका सामना करने के लिए हमें एकता से रहना होगा और देश के उन मीरजाफरों से भी सावधान रहना होगा जो मौके-ब-मौके देश को अवनति के गर्त में ढकेलने का असफल प्रयास किया करते हैं। अतः प्रत्येक भारतवासी को चाहिए कि प्रतिदिन एकता का पाठ पढ़े और एकता को जीवन का संबल बनाये। इसमें आगे इतना और याद रखे कि एकता ही वास्तव में जीवन है।
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