किसी भी विषय पर निबंध कैसे लिखें Nibandh Lekhan जानिए निबंध लेखन क्या होता है Nibandh Lekhan in Hindi किसी भी टॉपिक पर निबंध कैसे लिखें लेखन का प्रारू
किसी भी विषय पर निबंध कैसे लिखें
सच में , निबंध लिखना और स्टेज पर भाषण देना यह दोनों कठिन काम है, इतिहास में लड़ाइयां का वर्णन पढ़ना हमें बहुत अच्छा लगता है , लेकिन हम युद्ध भूमि में हो और वहां लड़ने को कहा जाए तो हमारे लिए बहुत मुश्किल की बात होगी।हम आसानी से निबंध पढ़ लेंगे सुन और समझ भी लेंगे ,अगर हम से किसी विषय पर निबंध लिखने या भाषण देने के लिए कहा जाए , तो शायद कठिन काम लग सकता है।
कवि की कविता का एक भाव देखिए
कवि भवानीप्रसाद मिश्र
क़लम अपनी साध,
और मन की बात बिल्कुल ठीक कह एकाध।
यह कि तेरी-भर न हो तो कह,
और बहते बने सादे ढंग से तो बह।
जिस तरह हम बोलते हैं, उस तरह तू लिख,
और इसके बाद भी हमसे बड़ा तू दिख।
चीज़ ऐसी दे कि जिसका स्वाद सिर चढ़ जाए
बीज ऐसा बो कि जिसकी बेल बन बढ़ जाए।
फल लगें ऐसे कि सुख-रस, सार और समर्थ
प्राण-संचारी कि शोभा-भर न जिनका अर्थ।
अगर अपना कहा तुम आप ही समझे तो क्या समझे
मज़ा कहने का जब है इक कहे और दूसरा समझे
कलाम-ए-मीर समझे और ज़बान-ए-मीरज़ा समझे
मगर उन का कहा ये आप समझें या ख़ुदा समझे
गद्य साहित्य में एक बेहतरीन और सुगठित रचना का नाम लिया जा सकता है, वह है निबंध। निबंध लेखन आपके सोच समझ की क्षमता और मौलिकता की परख है , कि आप कितना सुंदर कितने बेहतर तरीके से एक विषय पर लिख सकते हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लेखन इसी ध्येय को लेकर होता है । शैली और आपका कथ्य दोनों ही इस बात को निर्धारित करते हैं निबंध कैसा है। आप सब जानते ही हैं कि प्रतियोगी परीक्षाएं , अन्य परीक्षाओं से सर्वथा भिन्न होती हैं।
निबंध के शब्दार्थ और उसकी परिभाषा पर , उपसर्ग और पद पर मत जाइए निबंध एक सरस सृजन है यह नीरस अथवा शुष्क बिल्कुल नहीं है।आपसे कहता हूं कि इसको समझने के लिए आपको फ्रांसिस बेकन का ऑफ स्टडीज, हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के अशोक का फूल निबंध को पढ़ लेना चाहिए
यह A Tale of Two Cities , चार्ल्स डिकेन्स के उपन्यास की शुरूआत का पैरा है।
It was the best of times, it was the worst of times, it was the age of wisdom, it was the age of foolishness, it was the epoch of belief, it was the epoch of incredulity, it was the season of Light, it was the season of Darkness, it was the spring of hope, it was the winter of despair, we had everything before us, we had nothing before us, we were all going direct to Heaven, we were all going direct the other way—in short, the period was so far like the present period, that some of its noisiest authorities insisted on its being received, for good or for evil, in the superlative degree of comparison only.”
कोई भी भाषा हो, हिंदी हो या अंग्रेजी हो आपको भाषा की सजीवता भाषा की सरलता पर ध्यान देना होगा मैं अंग्रेजी में जो उपयुक्त परीक्षित पारा चार्ल्स डिकेंस के उपन्यास ए टेल औफ टू सिटीज का दिया है इसमें आप भाषा की रवानगी देखिए फ्रांसीसी क्रांति डिकेंस की नजरों से वर्णित पैराडॉक्स है।
और यह हिन्दी के निबंधकार हजारी प्रसाद द्विवेदी जी के निबंध का एक अंश है:
शुद्ध है केवल मनुष्य की दुर्दम जिजीविषा (जीने की इच्छा) वह गंगा की अबाधित अनाहत धारा के समान सब कुछ को हजम करने के बाद भी पवित्र है। सभ्यता और संस्कृति का मोह क्षण भर बाधा उपस्थित करता है, धर्माचार का संसार थोड़ी देर तक इस धारा से टक्कर लेता है, पर इस दुर्दम धारा में सबकुछ बह जाते हैं।
निबंध में मौलिकता, सरसता, स्पष्टता और सजीवता होनी चाहिए। निबंध की भाषा सरल, प्रभावशाली तथा व्याकरणसम्मत तथा विषयानुरूप होनी चाहिए। निबंध संकेत बिन्दुओं के आधार पर, अनुच्छेदों में लिखा जाना चाहिए। निबंध लेखन से पूर्व रूपरेखा तय करके संकेत-बिन्दु बना लेने चाहिए।
फ्रांसीसी निबंधकार मोन्टेन, अंग्रेजी के फ्रांसिस बेकन,और हिंदी भाषा में आचार्य रामचंद्र शुक्ल, प्रताप नारायण मिश्र, हजारी प्रसाद द्विवेदी एवं रामेश्वर शुक्ल अंचल जी के निबंध को अवश्य पढ़ने चाहिए
अध्ययन विषय में आपको फ्रांसिस बेकन के निबंध ओफ स्टडीज Of Studies को जरुर पढ़ लेना चाहिए हमें कौन सी चीज कौन सी किताब है कितनी मात्रा में और कब पढ़नी चाहिए अध्ययन से क्या लाभ है इस पर यह निबंध ऑफ स्टडीज भली भांति प्रकाश डालता है। एक कुशल और हुनरमंद व्यक्ति की भाषा में स्पष्ट झलक होनी चाहिए और यह कहानी की भांति flowing प्रवाहमय होना चाहिए और मूल विषय से हमको हटना या भटकना नहीं चाहिए ।असंगत बातें इसमें नहीं हो, केवल संगत बातों का ही समावेश हो।
An excerpt from Francis Bacon Of Studies :-
Studies serve for delight, for ornament, and for ability. Their chief use for delight, is in privateness and retiring; for ornament, is in discourse; and for ability, is in the judgement and disposition of business. For expert men can execute, and perhaps judge of particulars, one by one; but the general counsels, and the plots and marshalling of affairs, come best from those that are learned. To spend too much time in studies is sloth; to use them too much for ornament, is affectation; to make judgement wholly by their rules, is the humour of a scholar. They perfect nature, and are perfected by experience: for natural abilities are like natural plants that need proyning by study; and studies themselves do give forth directions too much at large, except they be bounded in by experience. Crafty men contemn studies, simple men admire them, and wise men use them; for they teach not their own use; but that is a wisdom without them, and above them, won by observation. Read not to contradict and confute; nor to believe and take for granted; nor to find talk and discourse; but to weigh and consider. Some books are to be taste, others to be swallowed, and some few to be chewed and
यह आपकी कार्य कुशलता ही कही जाएगी किस तरह विषय को उपयोग करते हैं।और अच्छी तरह व्यक्त करते हैं। आपका विभिन्न विषयों पर अध्ययन आपके हर काम को आसान करेगा । सामाजिक आर्थिक वैज्ञानिक शैक्षिक आदि विषयों पर जानकारी और सम्यक अध्ययन करते रहें। यहां मैं अंग्रेजी उपन्यास Brave New World का जिक्र करूंगा , आप इसमें futuristic society की बात कही गयी है उससे वर्तमान स्थिति का मिलान करें और तुलना करें कि विज्ञान की हालिया खोज जैसे इन्टरनेट आदि हमारे जीवन में फायदा पहुंचा रही हैं या नुकसान।
लेकिन अब निबंध के पेपर का रूप परंपरागत नहीं है। विषय भी अनजान होगा। इस पेपर के अंक मेरिट के लिए गिने जाएंगे। 3 घंटे के पेपर पर मार्क्स 250 हैं , दो खंडों के 8निबध विषयों मे से आपको प्रत्येक Section से एक निबंध इस तरह कुल दो निबंध लिखने हैं।
इस तरह बिल्कुल आकस्मिक विषय पर आपकी resourcefulness , quality and presence of mind of mind , power to grasp an issue and your opinions in deciding an issue the examiner will look for.शब्द संख्या 1000 से 2000 शब्द है। मिनट के हिसाब से आपको विषय पर सोचना भी है और करीब करीब एक घंटे में एक निबंध लिख लेना है।विषय वस्तु को दोहराया न जाए।विषय नैगेटिव भी हो तो आप ,जो सही लग रहा है उसे लिखें।
निबंध की एक प्रस्तावना subjectहै ,development of the thought विषय का विस्तार present aspects वर्तमान स्थिति views of various scholars, critics ,,uses and abuses, if any your own view and conclusion विभिन्न विद्वानों, आलोचकों के विचार पैरा देकर,विभिन्न विद्वानों और आलोचकों के मत मतांतर भी आप व्यक्त कर सकते हैं , इसके बाद अगर आपके पास सामग्री है तो विभिन्न विभिन्न देशों में और विभिन्न साहित्यकारों के बीच तुलनात्मक विश्लेषण भी आप कर सकते हैं जैसा कि आप जानते ही हैं अपने निष्कर्ष से इसका उपसंहार होना चाहिए यदि आप किसी को quote करते हैं तो वह कोटेसन सटीक अर्थात लेखक के वहीं शब्द हों, यदि ठीक से याद न आएं तो न लिखें।
निबंध के विषय नये और metaphorical हो सकते हैं पर आप उनके अर्थ समझकर व्यवहार गत real life instances प्रस्तुत करें न कि अटपटे समाधान utopian solutions.शब्दों के निहितार्थ समझने होंगे, जैसे एक पद है निबंधक Registrar,लेकिन उसमें वह निबंध वगैरह कुछ नहीं, वह केवल पंजीयन का काम करता है
विभिन्न विषयों पर लगातार अध्ययन और मनोयोग पूर्वक अभ्यास और बारंबार अभ्यास आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा । अतः आपको अभ्यास तो करना ही पड़ेगा और स्मृति में भी पढ़ी ग्रीन बातें ध्यान में रहनी चाहिए ताकि वह सही अवसर पर आपको याद आ सके और आप उनका उपयोग कोटेशन के रूप में कर सकें।यदि सही से कोटेशन याद न हो , तो अपूर्ण न लिखें।
केवल शब्द संख्या सीमा को पूरा करने के चक्कर में बार बार दुहराना न हो। यदि आप 1000 शब्द न सही, 800 या 900 शब्दों में अपनी रचना सही तरीके से लिख देते हैं, तो यह ठीक रहेगा।
- क्षेत्रपाल शर्मा
शान्ति पुरम, आगरा रोड अलीगढ़ 202001
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