धार्मिक त्योहारों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता के उपायों पर निबंध धार्मिक त्योहार इस एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे लोगों को
धार्मिक त्योहारों के माध्यम से राष्ट्रीय एकता के उपायों पर निबंध
भारत, विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और भाषाओं का देश है। सदियों से, ये विविधताएं एकता और सद्भावना के साथ सह-अस्तित्व में रही हैं। धार्मिक त्योहार इस एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे लोगों को एक साथ लाते हैं, सामाजिक बंधन मजबूत करते हैं और राष्ट्रीय भावना को बढ़ावा देते हैं।
त्योहारों का उत्साहपूर्वक आयोजन
हमारा देश भारत केवल एक ही धर्म-संप्रदाय का न होकर विभिन्न धर्म, संस्कृति एवं विभिन्न विचारों को मानने वालों का निवास स्थान है। वैसे तो अलग-अलग धर्म, जाति, संप्रदाय के अपने अलग-अलग तीज-त्योहार होते हैं। हिन्दुओं का होली, दीपावली, दुर्गापूजा; मुसलमानों का ईद; इसाइयों का बड़ा दिन इत्यादि मनाये जाने वाले त्योहार-उत्सव हैं। चाहें हिन्दुओं का होली हो या मुसलमानों का ईद का त्योहार या इसाइयों का बड़ा दिन (क्रिसमस) इत्यादि त्योहारों पर सभी धर्म-संप्रदाय के लोग बड़े उत्साहपूर्वक एक साथ हँसी-खुशी का आदान-प्रदान करते हैं। हमारे देश में प्रचलित सभी त्योहारों का सबको इंतजार रहता है।
आपसी प्रेम का अनुपम उदाहरण
उत्सव-त्योहार एक ऐसा मौका होता है जिसमें सभी आपसी राग-द्वेष, भेद-भाव, कटुता मनमुटाव इत्यादि को भुलाकर लोग आपस में मिलकर अपने गिले सिकवे को मिटाकर एक हो जाते हैं। भारत जैसे बहुसंख्यक देश में त्योहार-उत्सव लोगों को आपस में एक होने का मौका प्रदान करते हैं। होली के अवसर पर पूरे देश में सभी वर्गों, धर्मों, संप्रदायों के लोग एक साथ रंग- अबीर खेलते हैं, रोशनी एवं उत्साह का पर्व के रूप में सभी दीपावली का उत्सव मनाते हैं, बुराई पर अच्छाई या असत्य पर सत्य का विजय के प्रतीक के रूप में सभी विजयादशमी - दुर्गापूजा को धूम-धाम से मनाते हैं। दीपावली हमारे जीवन में नवीन प्रकाश लेकर आता है। यह हमें भाई-चारे, सहयोग, सुख और शांति का संदेश देती हैं। क्रिसमस के समय शुभ कामनाएँ और बधाइयाँ भेजते हैं। इस दिन लोग शुभकामनाओं का आदान-प्रदान करते हैं. वहीं होली हमारे लिए प्रेम, मैत्री तथा सौहार्द्र का संदेश लेकर आती हैं। ईद का उत्सव त्याग और बलिदान की कहानी है। यह अल्लाह के प्रेम का अनुपम उदाहरण है। ईद खुशी का त्योहार है। यह अमीर-गरीब की खाईं को मिटाकर आपस में प्रेम एवं भाई चारा को प्रोत्साहित करती है। वैसे देखा जाय तो सारे ही तीज, त्योहार, उत्सव हमारे आर्थिक विकास को और मजबूत आधार प्रदान करते हैं जिससे संपूर्ण समाज, देश प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ चलता है।
आज जहाँ सारी दुनिया संप्रदायवाद, जातिवाद, रंग-भेद और युद्ध से ग्रस्त है वहीं हमारे देश में प्रचलित विभिन्न धर्मों-संप्रदायों के त्योहार-उत्सव यहाँ के लोगों को एक-दूसरे के करीब लाने और शांति, सौहार्द्र को स्थापित करने में सहायक हैं।
राष्ट्रीय एकता
धार्मिक त्योहार राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का एक शक्तिशाली साधन हैं। इन त्योहारों को बढ़ावा देकर और उनमें भाग लेकर, हम एक अधिक एकजुट और सहिष्णु भारत का निर्माण कर सकते हैं।यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि धार्मिक त्योहारों का उपयोग केवल राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इनका उपयोग सामाजिक बुराइयों जैसे जातिवाद, सांप्रदायिकता और अंधविश्वासों के खिलाफ लड़ने के लिए भी किया जा सकता है।
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