सूरज को अर्घ्य चढ़ाओ हीटवेव भगाओ हीट वेव चल रही है। हमारे राज्य में बड़े पैमाने पर गंभीर चिंतन चल रहा है। किसी से बात करो तो हाय, हेलो के बाद बात शुर
सूरज को अर्घ्य चढ़ाओ हीटवेव भगाओ
हीट वेव चल रही है। हमारे राज्य में बड़े पैमाने पर गंभीर चिंतन चल रहा है। किसी से बात करो तो हाय, हेलो के बाद बात शुरू होती है ,"यार गर्मी बहुत पड़ रही है।"दूसरी ओर से रिस्पॉन्स आता है -
" हां बहुत पड़ रही है।"
" हीट वेव चल रही है।"
" हां ! यहां भी चल रही है।"
" क्या करें ?लाइट भी नहीं आ रही !"
"हां यार! हमारे यहां लाइट ही क्या? नलों तक में पानी नहीं आ रहा। बड़े परेशान है।"
" हम भी बहुत परेशान है! क्या करें? कुछ समझ नहीं आ रहा?"
किसी के कुछ समझ नहीं आ रहा है। गर्मी बढ़ती ही जा रही है।
मंत्री, मुख्यमंत्री भी कुछ समझ नहीं पा रहे हैं ।क्या करें?
उनके पास इस संबंध में करने को कुछ नहीं है।
प्रदेश में लाइट की कमी चल रही है है ,सबकी डिमांड पूरी कर नहीं सकते।
सरकार के महंगें दामों में लाइट खरीदने के प्रयास जारी है।अभी सरकार प्रचार पर है।समय तो हर काम में लगता है। इसमें भी लग रहा है।
हीट वेव बढ़ रही है। नौतपा शुरू हो गया है, मतलब अभी नौ दिन तो तपने के चांस है ही।
सरकार बहुत व्यस्त है। फिर भी चिंतन जारी है। उन्हें बहुत चिंता हो रही है इसलिए वे चिंतन कर रहे है।उनकी चिंता के बारे में जनता को बता दिया गया है।
चिंतन पर किसी का बस नहीं है । पब्लिक भी चिंतित है, उसके पास चिंता करने के अलावा कुछ नहीं है।वह भी कर रही है।
मशीनरी वह सब कर रही है।जो वह कर सकती हैं। ऊपर से और नीचे से प्रेशर आ रहा है।वह झेल रही है।उसे इसकी आदत है।वह इसकी ज्यादा परवाह नहीं करती।
वह भी कभी कभी चिंतन कर लेती है। चिंतन चीज ही ऐसी है। इसे कोई भी, कहीं भी कर लेता है। चिंतन करने में कुछ खर्च नहीं होता है ।सब को चिंतन करने का प्रकृति प्रदत्त अधिकार है ।कोई कितना भी चिंतन करें । उससे दूसरे की सेहत पर फर्क नहीं पड़ता।फर्क उसकी स्वयं की सेहत पर भी नहीं पड़ता।
प्रदेश में गर्मी पीक पर पहुंच रही है।
इसमें किसी कोई दोष नहीं है।
दोष है तो वह है सूरज दादा का। प्रकृति का।
वे कहते हैं कि प्रकृति प्रदत्त आपदाओं का दोषी उन्हें ही क्यों ठहराया जाए।
"भला सूरज दादा से हमने कहा था कि अपना रौद्र रूप दिखा।"प्रदेश में लाइट की कमी का हल्ला मचाना भी विपक्ष की चाल है।
वैसे भी आज के जमाने में कौन किसकी मानता है।
पूर्ण भक्ति भाव से सूरज दादा को को जल चढ़ाओं। उसे ठंडा करों। यदि जल की कमी है तो सूर्य नमस्कार करना शुरु कर दो। जिससे दादा थोड़ा बहुत प्रसन्न हो जाए।
हीट वेव चल रही है। इससे आपका ताप बढ़ सकता है।आपके पेट में मरोड़, थकान और कमजोरी आ सकती है। सोडियम सहित कई मिनरल्स कम हो सकते हैं।इस सबका दोष आप सरकार को नहीं दे सकते। इससे चाहे आपके हार्ट किडनी और लीवर फैल हो जाएं तब भी दोषी सरकार हो नहीं सकती।दोषी कोई है तो वह है सूरज दादा।
वही हीट का देवता माना जाता है।उसकी आराधना में कमी का ही परिणाम है ये हीट वेव।
आओ हम सब मिलकर सरकार को दोष देना बंद करें। सूरज दादा की उपासना करें।उसकी उपासना में कोई कमी रह गई हो तो उसकी उससे माफी मांगें।
जन हित में सामाजिक संगठनों ने सामूहिक रूप से सूरज दादा को सुबह सुबह अर्ध्य देना शुरू करवा दिया है।इसके लिए पानी की व्यवस्था उन्होंने स्वयं अपने खर्चे पर की है।सूर्य नमस्कार भी दोनों समय करना शुरू हो गया है। अब सबको विश्वास है कि दो चार दिन में सूरज दादा प्रसन्न हो जाएगें और हीट वेव का असर कम पड़ जाएगा।
सरकार सामाजिक संगठनों के जनहित के कार्य से अत्यंत प्रसन्न हैं। उन्होंने जनता को सही राह पर लाकर विपक्ष के मनसूबों पर पानी फेर दिया है।
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- हनुमान मुक्त
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