भारत में स्वतंत्रता की गलत व्याख्या एवं उसका दुरुपयोग

SHARE:

भारत में स्वतंत्रता की गलत व्याख्या एवं उसका दुरुपयोग भारत 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक रहा

भारत में स्वतंत्रता की गलत व्याख्या एवं उसका दुरुपयोग

 
भारत, 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक रहा है। अपने संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों, जिनमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता, और समानता का अधिकार शामिल हैं, पर गर्व करता है।

लेकिन, हाल के वर्षों में, इन स्वतंत्रताओं का दुरुपयोग और गलत व्याख्या की बढ़ती प्रवृत्ति देखी गई है। यह चिंताजनक है क्योंकि यह देश के सामाजिक ताने-बाने और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर सकता है।हम देश की आजादी की 77 वर्षगाँठें माना चुके हैं, पर क्या आज भी हम पूर्णतया स्वतंत्र हैं? क्या आज भी हमारे अन्दर देश के प्रति प्रेम है? क्या वास्तव में हम स्वतंत्रता का तात्पर्य जान पाए हैं?

स्वतंत्रता का अर्थ और महत्व

वास्तव में, आज भी हम स्वतन्त्रता का तात्पर्य, उसका महत्व और उसकी उपयोगिता को नहीं जान पाए हैं. आज के परिवेश में लोग स्वतंत्रता का तात्पर्य अपनी इच्छानुसार कार्य करने को ही मानते हैं. वे सोचते हैं कि हम प्रत्येक कार्य चाहे वह वैध हो या अवैध उसे करने को स्वतन्त्र हैं. आज संविधान में वर्णित स्वतन्त्रता व मौलिक अधिकारों का गलत उपयोग किया जा रहा है ।

भारत में स्वतंत्रता की गलत व्याख्या एवं उसका दुरुपयोग
स्वतंत्रता केवल व्यक्ति को प्राप्त नहीं होती है. वह समाज को अर्थात् समाज के प्रत्येक घटक को प्राप्त होती है, जो व्यक्ति अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का लाभ उठाना चाहता है, उसकी अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता तब ही सार्थक हो सकती है, जब वह वोल्टेयर की भाँति यह कहने का नैतिक साहस रखता हो “I disapprove of what you say, but I would defend to the death your right to say it." अर्थात् "तुम जो कुछ कहते हो, मैं उसको अस्वीकार करता हूँ, परन्तु उक्त कथन को कहने के तुम्हारे अधिकार की रक्षा मैं अन्तिम श्वास तक करूँगा." परन्तु भारत में स्वतन्त्रता का अर्थ मनमानी करना अथवा उच्छृंखल होता है. 

आरक्षण की ओट में अनेक योग्य व्यक्तियों के योग्यतानुसार कार्य प्राप्त करने के अधिकार को छीन लेना, घोटाले, भ्रष्टाचार आदि द्वारा कानून का ठेंगा दिखाना, देवी-देवताओं के अश्लील चित्र बनाना तथा उनको लक्ष्य करके उल्टी-सीधी बातें कहकर स्वतन्त्रता की दुहाई देना आदि बातें यह स्पष्ट करती हैं कि हमने स्वतन्त्रता का गलत अर्थ लगा रखा है. और तो और मतपेटिकाओं के साथ ही मनमानी करके हम अपने आचरण की स्वतन्त्रता का दावा करने का दम भरते हैं. विडम्बना यह है कि उच्छृंखल आचरण द्वारा हम अपने देश की छवि धूमिल करते हुए भी लज्जित नहीं होते हैं ।

समता का अधिकार 

यूँ तो, संविधान में समता का अधिकार प्रदान कर दिया गया है, पर आज भी कितने ऐसे लोग हैं जिन्हें इस अधिकार का ज्ञान है, और इसका उपयोग कर वे शोषण करने वालों के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं. इस अधिकार का ज्ञान है, वे इसका गलत उपयोग कर रहे हैं, यथा-आरक्षण के नाम पर आज निरन्तर अनुसूचित जाति व जनजातियों का दबदबा बढ़ता ही जा रहा है. जहाँ नौकरियों में आरक्षण के नाम पर वे प्रवेश बड़ी सरलता से पा रहे हैं, वहीं योग्य व्यक्ति आज बेरोजगार हैं. वे अधिक योग्य होकर भी आज कुछ नहीं कर पा रहे है, परन्तु चाहे जिस व्यक्ति के विषय में चाहे कुछ छापकर या कहकर लोग स्वतन्त्रता का दुरुपयोग करते हुए देखे जाते हैं। 

हमारी प्रेस की स्वतंत्रता भी सीमित है. किसी बड़े व्यक्ति के सम्बन्ध में कोई लेख हो, जिसमें उसकी वास्तविकता व्यक्त की गई हो, तो उसे छपने से रोक दिया जाता है. आज भी कलम उतनी स्वतंत्र नहीं जितनी गुलामी के समय थी. ताजा उदाहरण है, फिल्म 'पीके' जिस पर आए दिन प्रदर्शन होते कहाँ है उसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ? महान् एवं गरिमामय नेताओं से सुसज्जित संसद में ही बात-बात में नेताओं के कॉलर पकड़कर घसीटा जाता है. क्या कर पाते हैं वे अपनी बात का समर्थन ? संघ की स्वतन्त्रता का पूरा फायदा उठाया जा रहा है-भारत और पाक के बीच होने वाले मैच को रोकने के लिए, जो पिच खोदकर प्रदर्शन किया. वह इस बात को दर्शा रहा है कि आज स्वतंत्रता का खुलकर उपहास उड़ाया जा रहा है. यूँ तो भारत में स्वतंत्रतापूर्वक भ्रमण की स्वतंत्रता है पर कितनी ?
 

स्वतंत्रता के दुरुपयोग के कुछ उदाहरण

आज सड़कों पर नारी अकेले घूमने में हिचकती क्यों है? क्या नैना साहनी काण्ड व अंजना मिश्रा प्रकरण इस बात को प्रकट नहीं कर रहे हैं कि आज कितनी स्वतंत्रता है ? कश्मीर से गायब हुए नवयुवक इसी बात का प्रमाण हैं कि आज भी कहीं आने-जाने की स्वतन्त्रता सम्भव नहीं है।अपनी आजीविका प्राप्त करने व व्यापार की स्वतंत्रता ही है जो आज बढ़ती हुई महँगाई को प्रदर्शित कर रही है. जीविकोपार्जन की स्वतंत्रता का लाभ उठाकर ही, आज यहाँ भारत देश में माता सरस्वती आदि देवियों के अश्लील चित्र बनाकर हमारी संस्कृति का अपमान किया जा रहा है ।
 
आज राजनीति से धर्म को जोड़कर जो राजनीतिक प्रपंच खेला जा रहा है. वह भी असहनीय है. हालांकि प्रत्येक व्यक्ति को धर्म की स्वतंत्रता का पूर्ण अधिकार है फिर भी इस स्वतंत्रता ने जाने कितने ही लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई है. धर्म के नाम पर हुई मन्दिर, मस्जिद घटना के दुःखदायी समाचार से अभी उबर भी नहीं पाए थे कि ईसाइयों पर हुए हमले के मामले ने सर उठा लिया है. आखिर क्यों? क्यों, आज 'सेक्यूलरिज्म' के नाम पर ये मामले हमें दिखाई दे रहे हैं. सालों से चले आ रहे माता सरस्वती के पूजन व वंदना को लेकर नया विवाद खड़ा कर दिया गया और तो और, जिस 'वन्दे-मातरम्' ने हमें आज ये आजादी के मायने समझाए, हमें खुलकर जीने की, स्वतंत्र वायु प्रदान की आज उसी का विरोध किया जा रहा है और वह भी धर्म के नाम पर कितना घृणित व गन्दा लगता है ये सब ।

हमें शिक्षा और संस्कृति सम्बन्धी अधिकार भी मिले हैं. जिनसे हम खुलकर अपने व्यक्तित्व का निर्माण कर सकें. पर क्या हमें ये स्वतंत्रता प्राप्त है. शिक्षा पर होने वाला व्यय, शिक्षकों की हड़ताल की स्वतन्त्रता, छात्रों के अनशन की स्वतन्त्रता, क्या ये सब मिलकर हमें शिक्षा को ग्रहण करने देते हैं? नहीं, तो फिर क्या हुआ इस स्वतन्त्रता का अर्थ. कहाँ गई हमारी यह स्वतन्त्रता ।

अन्य भी कई स्वतंत्रताएं हैं जिनका आज देश में धड़ल्ले से दुरुपयोग किया जा रहा है यथा-कहा गया है कि हर राज्य में न्यूनतम मजदूरी दर तय है, फिर भी आज मिल मालिकों एवं ठेकेदारों की स्वतंत्रता के आगे बेचारे गरीब मजदूर विवश दिखाई पड़ते हैं. कृषकों को प्रतिदिन बढ़ती हुई, आत्महत्याओं की दर बता रही है. कृषि एवं पशुपालन में होने वाले घोटाले इस बात का पुख्ता प्रमाण हैं कि आज का कृषक, आज तक भूस्वामी नहीं बन सका है। 

हमारे देश के बड़े-बड़े स्मारकों एवं इमारतों तथा पुराने किलों को भी संरक्षण प्रदान किया जाता है. हमें ही उनकी सुरक्षा करनी चाहिए. सरकार इन्हें कितना संरक्षण देती है पता नहीं, पर हममें से कोई जाता है और गांधीजी की समाधि को नुकसान पहुँचाता है, किसलिए? कि उसे स्वतन्त्रता थी।
 
यूँ तो स्वतन्त्रता हमें मताधिकार की भी है पर मतदान केन्द्र पर पहुँचने पर हमें पता चलता है कि वहाँ हमारे नाम से कोई और वोट डाल गया. अब अपने मताधिकार की स्वतंत्रता की शक्ति को लेकर भी हम स्वतंत्रता का गलत उपयोग करने वाली ताकत के आगे घुटने टेक देते हैं निर्वाचन के समय ऐसे-ऐसे उम्मीदवार होते हैं. जिनकी स्वतंत्रता के आगे हमारा तो क्या अच्छे-अच्छे ऊँचे लोगों का भी वश नहीं चलता. वे उम्मीदवार चाहे अंगूठा छाप ही क्यों न हों, पर उन्हें चुनाव लड़ने की स्वतंत्रता है. गलत ढंग से चुनाव जीतने की भी स्वतन्त्रता है. मत पेटियाँ बदलने की भी स्वतंत्रता है.

आज की राजनीति एक ऐसा अखाड़ा बन चुकी है. जहाँ केवल बलवान एवं धनवान का ही बोलबाला है. महिलाएं जोकि 33% आरक्षण की माँग कर रही हैं, उस विधेयक को नकारा जा रहा है, लेकिन यहाँ ऐसी स्त्रियाँ भी हैं जिन्हें अपने पति का पद प्राप्त है और वे शासन का संचालन कर रही हैं, क्योंकि उनके पास स्वतंत्रता है. राजनीति की इसी स्वतंत्रता ने महिलाओं को उच्छृंखल भी बनाया है. वे बड़े-से-बड़े घोटाले करने में भी आज नहीं सकुचाती हैं।
  
ताजा प्रकरण, सरसों के तेल में 'आर्जीमोन' नामक विषैला तत्व पाया गया, क्योंकर ? स्वतंत्रता के दुरुपयोग से दुकानदार अपनी दुकान किसी भी तरह चलाने के लिए स्वयं को स्वतन्त्र समझ रहा है. 'नकल अध्यादेश जारी किया गया है' छात्र विरोध कर रहे हैं, वे चाहते हैं स्वतंत्रता नकल करने की चिकित्सक जिन्हें देवता मानकर पूजा भी जाती था आज के समय में गुर्दा प्रत्यारोपण काण्ड में लिप्त हैं या फिर अपने ही मरीजों के साथ कुकृत्य कर डालते हैं. और वन्यजीव संरक्षण का बोलबाला है पर वे मूक रहकर कठोर वेदनाएं सहते रहते हैं. अमीरों के शिकार होकर बेमौत मारे जाते हैं ।

स्वतंत्रता के दुरुपयोग को रोकने के उपाय

आज स्वतन्त्रता का मतलब ही बदल गया है. हर नागरिक, हर नेता, हर कोई समझता है कि उसकी स्वतन्त्रता अबाध है, भूल जाते हैं कि उनकी स्वतंत्रता के दुरुपयोग से किसी की जान भी जा सकती है. क्यों भूल रहे हैं हम कि हमारी छोटी-सी स्वतंत्रता का ही सवाल था जब हमारे राज्य बँट गए थे. आज हम निजी स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर उसका माखौल बना रहे हैं। आज भी विदेशी व शत्रु देशों की नजर हम पर गिद्ध के समान गढ़ी है. हम अपनी स्वतंत्रता के गलत इस्तेमाल का प्रयोग रोकते क्यूँ नहीं? क्यों नहीं समझ पाते, दूसरों का दर्द ? क्यों अपनी गलत स्वतंत्रता के नाम पर दूसरों के स्वतंत्रता की बलि दे डालते हैं?
 
भारत में स्वतंत्रता एक अनमोल उपहार है, जिसे हमें संजोना और उसकी रक्षा करनी चाहिए। दुरुपयोग को रोकने और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए  सभी नागरिकों, सरकार और नागरिक समाज को मिलकर प्रयास करने होंगे।यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि स्वतंत्रता की गलत व्याख्या और दुरुपयोग की अवधारणा जटिल है और विभिन्न दृष्टिकोणों से इस पर विचार किया जा सकता है।  यह महत्वपूर्ण है कि हम खुले विचारों वाले और रचनात्मक संवाद में शामिल हों ताकि समाधान ढूंढ सकें जो सभी के लिए न्यायसंगत और न्यायपूर्ण हों।

COMMENTS

Leave a Reply
नाम

अंग्रेज़ी हिन्दी शब्दकोश,3,अकबर इलाहाबादी,11,अकबर बीरबल के किस्से,62,अज्ञेय,37,अटल बिहारी वाजपेयी,1,अदम गोंडवी,3,अनंतमूर्ति,3,अनौपचारिक पत्र,16,अन्तोन चेख़व,2,अमीर खुसरो,7,अमृत राय,1,अमृतलाल नागर,1,अमृता प्रीतम,5,अयोध्यासिंह उपाध्याय "हरिऔध",7,अली सरदार जाफ़री,3,अष्टछाप,4,असगर वज़ाहत,11,आनंदमठ,4,आरती,11,आर्थिक लेख,8,आषाढ़ का एक दिन,22,इक़बाल,2,इब्ने इंशा,27,इस्मत चुगताई,3,उपेन्द्रनाथ अश्क,1,उर्दू साहित्‍य,179,उर्दू हिंदी शब्दकोश,1,उषा प्रियंवदा,5,एकांकी संचय,7,औपचारिक पत्र,32,कक्षा 10 हिन्दी स्पर्श भाग 2,17,कबीर के दोहे,19,कबीर के पद,1,कबीरदास,19,कमलेश्वर,7,कविता,1474,कहानी लेखन हिंदी,17,कहानी सुनो,2,काका हाथरसी,4,कामायनी,6,काव्य मंजरी,11,काव्यशास्त्र,38,काशीनाथ सिंह,1,कुंज वीथि,12,कुँवर नारायण,1,कुबेरनाथ राय,2,कुर्रतुल-ऐन-हैदर,1,कृष्णा सोबती,2,केदारनाथ अग्रवाल,4,केशवदास,6,कैफ़ी आज़मी,4,क्षेत्रपाल शर्मा,52,खलील जिब्रान,3,ग़ज़ल,139,गजानन माधव "मुक्तिबोध",15,गीतांजलि,1,गोदान,7,गोपाल सिंह नेपाली,1,गोपालदास नीरज,10,गोरख पाण्डेय,3,गोरा,2,घनानंद,3,चन्द्रधर शर्मा गुलेरी,6,चमरासुर उपन्यास,7,चाणक्य नीति,5,चित्र शृंखला,1,चुटकुले जोक्स,15,छायावाद,6,जगदीश्वर चतुर्वेदी,17,जयशंकर प्रसाद,35,जातक कथाएँ,10,जीवन परिचय,76,ज़ेन कहानियाँ,2,जैनेन्द्र कुमार,6,जोश मलीहाबादी,2,ज़ौक़,4,तुलसीदास,28,तेलानीराम के किस्से,7,त्रिलोचन,4,दाग़ देहलवी,5,दादी माँ की कहानियाँ,1,दुष्यंत कुमार,7,देव,1,देवी नागरानी,23,धर्मवीर भारती,10,नज़ीर अकबराबादी,3,नव कहानी,2,नवगीत,1,नागार्जुन,25,नाटक,1,निराला,39,निर्मल वर्मा,4,निर्मला,42,नेत्रा देशपाण्डेय,3,पंचतंत्र की कहानियां,42,पत्र लेखन,202,परशुराम की प्रतीक्षा,3,पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र',4,पाण्डेय बेचन शर्मा,1,पुस्तक समीक्षा,139,प्रयोजनमूलक हिंदी,38,प्रेमचंद,47,प्रेमचंद की कहानियाँ,91,प्रेरक कहानी,16,फणीश्वर नाथ रेणु,4,फ़िराक़ गोरखपुरी,9,फ़ैज़ अहमद फ़ैज़,24,बच्चों की कहानियां,88,बदीउज़्ज़माँ,1,बहादुर शाह ज़फ़र,6,बाल कहानियाँ,14,बाल दिवस,3,बालकृष्ण शर्मा 'नवीन',1,बिहारी,8,बैताल पचीसी,2,बोधिसत्व,9,भक्ति साहित्य,143,भगवतीचरण वर्मा,7,भवानीप्रसाद मिश्र,3,भारतीय कहानियाँ,61,भारतीय व्यंग्य चित्रकार,7,भारतीय शिक्षा का इतिहास,3,भारतेन्दु हरिश्चन्द्र,10,भाषा विज्ञान,17,भीष्म साहनी,8,भैरव प्रसाद गुप्त,2,मंगल ज्ञानानुभाव,22,मजरूह सुल्तानपुरी,1,मधुशाला,7,मनोज सिंह,16,मन्नू भंडारी,10,मलिक मुहम्मद जायसी,9,महादेवी वर्मा,20,महावीरप्रसाद द्विवेदी,3,महीप सिंह,1,महेंद्र भटनागर,73,माखनलाल चतुर्वेदी,3,मिर्ज़ा गालिब,39,मीर तक़ी 'मीर',20,मीरा बाई के पद,22,मुल्ला नसरुद्दीन,6,मुहावरे,4,मैथिलीशरण गुप्त,14,मैला आँचल,8,मोहन राकेश,15,यशपाल,15,रंगराज अयंगर,43,रघुवीर सहाय,6,रणजीत कुमार,29,रवीन्द्रनाथ ठाकुर,22,रसखान,11,रांगेय राघव,2,राजकमल चौधरी,1,राजनीतिक लेख,21,राजभाषा हिंदी,66,राजिन्दर सिंह बेदी,1,राजीव कुमार थेपड़ा,4,रामचंद्र शुक्ल,3,रामधारी सिंह दिनकर,25,रामप्रसाद 'बिस्मिल',1,रामविलास शर्मा,9,राही मासूम रजा,8,राहुल सांकृत्यायन,2,रीतिकाल,3,रैदास,4,लघु कथा,124,लोकगीत,1,वरदान,11,विचार मंथन,60,विज्ञान,1,विदेशी कहानियाँ,34,विद्यापति,8,विविध जानकारी,1,विष्णु प्रभाकर,2,वृंदावनलाल वर्मा,1,वैज्ञानिक लेख,8,शमशेर बहादुर सिंह,6,शमोएल अहमद,5,शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय,1,शरद जोशी,3,शिक्षाशास्त्र,6,शिवमंगल सिंह सुमन,6,शुभकामना,1,शेख चिल्ली की कहानी,1,शैक्षणिक लेख,57,शैलेश मटियानी,2,श्यामसुन्दर दास,1,श्रीकांत वर्मा,1,श्रीलाल शुक्ल,4,संयुक्त राष्ट्र संघ,1,संस्मरण,33,सआदत हसन मंटो,10,सतरंगी बातें,33,सन्देश,44,समसामयिक हिंदी लेख,269,समीक्षा,1,सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,19,सारा आकाश,20,साहित्य सागर,22,साहित्यिक लेख,86,साहिर लुधियानवी,5,सिंह और सियार,1,सुदर्शन,3,सुदामा पाण्डेय "धूमिल",10,सुभद्राकुमारी चौहान,7,सुमित्रानंदन पन्त,23,सूरदास,16,सूरदास के पद,21,स्त्री विमर्श,11,हजारी प्रसाद द्विवेदी,4,हरिवंशराय बच्चन,28,हरिशंकर परसाई,24,हिंदी कथाकार,12,हिंदी निबंध,432,हिंदी लेख,532,हिंदी व्यंग्य लेख,14,हिंदी समाचार,182,हिंदीकुंज सहयोग,1,हिन्दी,7,हिन्दी टूल,4,हिन्दी आलोचक,7,हिन्दी कहानी,32,हिन्दी गद्यकार,4,हिन्दी दिवस,91,हिन्दी वर्णमाला,3,हिन्दी व्याकरण,45,हिन्दी संख्याएँ,1,हिन्दी साहित्य,9,हिन्दी साहित्य का इतिहास,21,हिन्दीकुंज विडियो,11,aapka-banti-mannu-bhandari,6,aaroh bhag 2,14,astrology,1,Attaullah Khan,2,baccho ke liye hindi kavita,70,Beauty Tips Hindi,3,bhasha-vigyan,1,chitra-varnan-hindi,3,Class 10 Hindi Kritika कृतिका Bhag 2,5,Class 11 Hindi Antral NCERT Solution,3,Class 9 Hindi Kshitij क्षितिज भाग 1,17,Class 9 Hindi Sparsh,15,English Grammar in Hindi,3,formal-letter-in-hindi-format,143,Godan by Premchand,11,hindi ebooks,5,Hindi Ekanki,20,hindi essay,424,hindi grammar,52,Hindi Sahitya Ka Itihas,105,hindi stories,679,hindi-bal-ram-katha,12,hindi-gadya-sahitya,8,hindi-kavita-ki-vyakhya,19,hindi-notes-university-exams,67,ICSE Hindi Gadya Sankalan,11,icse-bhasha-sanchay-8-solutions,18,informal-letter-in-hindi-format,59,jyotish-astrology,22,kavyagat-visheshta,25,Kshitij Bhag 2,10,lok-sabha-in-hindi,18,love-letter-hindi,3,mb,72,motivational books,11,naya raasta icse,9,NCERT Class 10 Hindi Sanchayan संचयन Bhag 2,3,NCERT Class 11 Hindi Aroh आरोह भाग-1,20,ncert class 6 hindi vasant bhag 1,14,NCERT Class 9 Hindi Kritika कृतिका Bhag 1,5,NCERT Hindi Rimjhim Class 2,13,NCERT Rimjhim Class 4,14,ncert rimjhim class 5,19,NCERT Solutions Class 7 Hindi Durva,12,NCERT Solutions Class 8 Hindi Durva,17,NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan वितान भाग 1,3,NCERT Solutions for class 12 Humanities Hindi Antral Bhag 2,4,NCERT Solutions Hindi Class 11 Antra Bhag 1,19,NCERT Vasant Bhag 3 For Class 8,12,NCERT/CBSE Class 9 Hindi book Sanchayan,6,Nootan Gunjan Hindi Pathmala Class 8,18,Notifications,5,nutan-gunjan-hindi-pathmala-6-solutions,17,nutan-gunjan-hindi-pathmala-7-solutions,18,political-science-notes-hindi,1,question paper,19,quizzes,8,raag-darbari-shrilal-shukla,7,Rimjhim Class 3,14,samvad-lekhan-in-hindi,6,Sankshipt Budhcharit,5,Shayari In Hindi,16,skandagupta-natak-jaishankar-prasad,6,sponsored news,10,suraj-ka-satvan-ghoda-dharmveer-bharti,4,Syllabus,7,top-classic-hindi-stories,51,UP Board Class 10 Hindi,4,Vasant Bhag - 2 Textbook In Hindi For Class - 7,11,vitaan-hindi-pathmala-8-solutions,16,VITAN BHAG-2,5,vocabulary,19,
ltr
item
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika: भारत में स्वतंत्रता की गलत व्याख्या एवं उसका दुरुपयोग
भारत में स्वतंत्रता की गलत व्याख्या एवं उसका दुरुपयोग
भारत में स्वतंत्रता की गलत व्याख्या एवं उसका दुरुपयोग भारत 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक रहा
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhU9xg9rWYQK9GpmOtFdQJGVWEVHlPzCucCYD9UwKKwSkGWbc-RCBCPzZpWQcNgp4M_KnptPXeiy0u9hR2QriQnopTEHo8cLb95e_250enqDAuRiXFE_OP27bz2_j8nXl3DKSAQ3gXgNKZDQdIUzfV4Zw9mM8OicSqMtSE93BQmxUneyuLYaFCo9szSRTSG/w320-h196/bharat-me-swatantrata-ki-galat-vyakhya-aur-uska-durupyog.png
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhU9xg9rWYQK9GpmOtFdQJGVWEVHlPzCucCYD9UwKKwSkGWbc-RCBCPzZpWQcNgp4M_KnptPXeiy0u9hR2QriQnopTEHo8cLb95e_250enqDAuRiXFE_OP27bz2_j8nXl3DKSAQ3gXgNKZDQdIUzfV4Zw9mM8OicSqMtSE93BQmxUneyuLYaFCo9szSRTSG/s72-w320-c-h196/bharat-me-swatantrata-ki-galat-vyakhya-aur-uska-durupyog.png
हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika
https://www.hindikunj.com/2024/06/bharat-me-swatantrata-ki-galat-vyakhya-aur-uska-durupyog.html
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/
https://www.hindikunj.com/2024/06/bharat-me-swatantrata-ki-galat-vyakhya-aur-uska-durupyog.html
true
6755820785026826471
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy बिषय - तालिका