विकल्पों की तलाश सबको है विकल्पों की तलाश, किसी के पास कम किसी के पास ज्यादा है, जिसके पास एक भी नहीं वह अभागा है। विकल्पों की प्रचुरता रवैया तय करती
यादों की खुशबू
समय गया बीत, दिल में रह गई टीस,
तुम बिन जीना मैंने लिया सीख
अब नहीं चाहिए मुझे किसी के प्यार की भीख।
अब नहीं है मेरे दिल में कोई खीझ,
अब मैं जिंदगी पर गया हूँ रीझ।
पर याद, याद तो आती है,
मुझे बहुत सताती है
बीते कल का स्मरण दिलाती है,
याद गमों में भी जीना सिखलाती है।
रिश्ते का अंत तो बहुत बूरा था
हृदय का हाल बूरा था।
समय ने लिया सब संभाल
किस्मत ने दिखाया कमाल,
सफलताओं ने जिंदगी में मचाया धमाल,
जिंदगी ने मुझे लिया संभाल।
जो समय तुम्हारे साथ व्यतीत किया,
जिंदगी को खूब जीया,
हो गया अंधकार बुझ गया दीया,
तुम मेरा जीवन थी प्रिया।
जो बीत गया सो बीत गया,
अब सिर्फ यादें बाकी हैं,
यादों की खुशबू मुझे जीना सिखाती है।
विकल्पों की तलाश
सबको है विकल्पों की तलाश,
किसी के पास कम किसी के पास ज्यादा है,
जिसके पास एक भी नहीं वह अभागा है।
विकल्पों की प्रचुरता रवैया तय करती मनुष्य की,
प्रेम है विकल्प का न होना
कौमार्य क्या है,
अवसर का न मिलना।
तलाश में है हर कोई विकल्प और अवसर की।
घूमती पृथ्वी विकल्प के चारों ओर
नाकि सूर्य के।
मंद है रोशनी चाँद की
नहीं तो उल्टा होता।
चंदा सूर्य का विकल्प होता
सौरमंडल चंद्रमंडल होता।
सत्य असत्य कुछ नहीं,
विकल्प सत्य और विकल्प न होना असत्य।
शहंशाह वही जिसके पास विकल्प अनेक,
बिना विकल्प शहंशाह देते घुटने टेक।
शहंशाह का विकल्प नहीं,
विकल्प है तो शहंशाह नहीं।
लोकतंत्र राजतंत्र में अंतर विकल्प करता है,
विकल्प है लोकतंत्र है,
विकल्प नहीं लोकतंत्र नहीं
विकल्पों को खत्म करने की कहानी राजनीति है।
रास्ता
जिंदगी एक रास्तों का जाल है,
कौन सा रास्ता किधर जाता है, यही तो सवाल है।
जो यह जानता है, वह मालामाल है,
सबके जीवन के उपर मंडरा रहा काल है,
सफर का अंतिम रास्ता जाएगा जिसके द्वार उसका नाम महाकाल है।
आदि भी वह है अंत भी वह है,
जिसका नाम महाकाल है।
बीच में बस रास्तों का जाल है।
यही रास्तों का जाल तो जीवन है।
धन-दौलत सब यहीं रह जाएंगे,
साथ में सिर्फ जीवन के अनुभव जाएंगे।
चित्रगुप्त के न्यायालय में यही अनुभव आपका जीवन कहलाएंगे।
चित्रगुप्त का तराजू धन नहीं तोलता,
वह तोलता सिर्फ मानव जीवन के अनुभव,
वहां सिर्फ जीवन संघर्ष बोलता है।
जीवन संघर्ष ही मनुष्य के राज खोलता है।
जिन रास्तों पर मानव का मन डोलता है,
विधाता मानव को उन्हीं रास्तों पर चलने को बोलता है।
रास्ते तो जीवन हैं,
चलना इन पर मानवता है।
हम हर रास्ते पर चलेंगे, जिस पर कभी नहीं चले।
आज चलेंगे, नहीं तो कल चलेंगे।
आँसू
आँसू हृदय की अभिव्यक्ति होते हैं,
वे चुपचाप हृदय के एक कोने में सोते हैं।
मौका पा वे जाग उठते हैं,
आँखों से झम - झम टपकते हैं,
गालों को गीला कर देते हैं,
दुखिया के मन को हल्का कर देते हैं।
आँसू गम की नहीं खुशी की निशानी होते हैं,
अपनों को पीड़ा में देख सभी रो देते हैं।
रोना कोई कायरता नहीं,
ये अपनों के प्रति प्यार है,
रोने वाला व्यक्ति ही अपनों के प्रति वफादार है।
आँसू दिल का आईना होते हैं,
जो आँखों में झलकते हैं,
वे हृदय की गहराईयों में पलते हैं,
शोकाकुल हो आँखों के रास्ते टपकते हैं।
आँसू सजीव मोती होते हैं,
वे हृदय की गहराईयों में सोते हैं,
आँखों से मोतियों की माला निकलती है,
जब हृदय की गहराईयों में करूणा सिसकती है।
तुच्छ
तुच्छ होते हैं कौन लोग
जो न किसी को भाते हैं
तुच्छ लोग जमाने और तकदीर दोनों द्वारा बनाए जाते हैं।
दरिद्र हैं तुच्छ अमीरों के लिए
सज्जन होते हैं तुच्छ मूर्खों के लिए
दरिद्र और सज्जन की एक ही गति है
अपने को श्रेष्ठ जानना अमीरों और मूर्खों की मति है।
कुछ तुच्छ जाति और नस्ल बनाती है
श्रेष्ठ और तुच्छ की जननी मनोविकार कहलाती है।
होते हैं सब जन एक ही माँ के बेटे,
कोई दो न एक समान होते हैं।
तुच्छ और श्रेष्ठ सब मन का अहंकार है,
सब नर एक ही भाग्य को प्राप्त होते हैं।
जो नर अपने को श्रेष्ठ और हीन को तुच्छ जाने,
सज्जन जन उसे अपनी दृष्टि में मूढ़ माने।
- विनय कुमार,
सहायक प्रोफेसर हिंदी,
हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश
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