भरतपुर जिले के एक छोटे से खूबसूरत, मनमोहक प्रकृति से लबालब बांध बरेठा के आसपास बसे गांव के लोगों की वास्तविक जीवन शैली को और पूरे भरतपुर जिले को पानी
बांध बरेठा जिला भरतपुर पर लेख
यह लेख भरतपुर जिले के एक छोटे से खूबसूरत, मनमोहक प्रकृति से लबालब बांध बरेठा के आसपास बसे गांव के लोगों की वास्तविक जीवन शैली को और पूरे भरतपुर जिले को पानी की आपूर्ति का आधार और पर्यटन का आकर्षण बांध बरेठा की पाल जिस पे लोगों का आना जाना लगा रहता अर्थात् लोगों के भ्रमण का प्रिय स्थान है लोग अपनी सभी समस्या को भूल जाते हैं आकर यहां की प्राकृतिक सुषमा में।
भरतपुर जिला राजस्थान राज्य का सब से छोटा संभाग है, राजस्थान में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग – भरतपुर संभाग है। जनसँख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग जयपुर। राज. राज्य में (7) सात संभाग- जयपुर, जोधपुर, भरतपुर अजमेर, कोटा बीकानेर एवं उदयपुर थे। अब इसमें तीन संभाग- सीकर, बांसवाड़ा व पाली को भी जोड़ा गया है जिसके तहत अब राज्य में कुल 10 संभाग हो गए हैं।
“घना पक्षी विहार” भरतपुर जिले में है।इसे पहले “भरतपुर पक्षी विहार”के नाम से जाना जाता था। यह उद्यान एक अद्भुत पर्यटन स्थल का केन्द्र है। इस विख्यात पक्षी अभयारण्य में हजारों दुर्लभ और संकटापन्न पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती है। इस राष्ट्रीय उद्यान में करीब 230 प्रजाति के पक्षियों ने अपना बसेरा बनाया है।अब जिक्र करते हैं : भरतपुर के प्राचीन बांध बारैठा है।
भरतपुर के लोगों को पीने का पानी इसी बांध से जाता है।बांध में पाँच बडे गेट है।लोग रोजाना धूमने के लिए यहां आते हैं .इसी बांध के निकट भरतपुर के राजा किशन की एक बड़ी कोठी है। उस कोठी मे अनेक कमरे हैं, जिनकी नक्काशी देखने लायक है।राजा की कोठी के चारो ओर पानी भरा गया है सुरक्षा की दृष्टि से और उसमें मगरमच्छ छोड़ दिए जाते थे और आज भी ये नज़ारा देख सकते हैं। इस बांध के टूटने से पूरे भरतपुर में पानी भर जाए लेकिन इसकी मज़बूत पाल एक प्रहरी की तरह भरतपुर जिले को पानी और सुरक्षा प्रदान करती है।
बांध में में पानी सिर मथुरा और दर बरानो की डांग से आता है।मेरा गाँव बंगसपुरा है।मेरे गांव और बांध बरेठा के बीच में एक बडा पहाड है, और इस पहाड़ से हमारे गाँव में पानी नहीं पहुँच पाता है। हम सभी ग्रामवासी पहाड पर चढकर पूरे बांध के खूबसूरत नजारे को देख सकते हैं अर्थात् देखते हैं मेरे गाँव के पास एक गांव है जिसका नाम ब्रह्मवाद गाँव है। इस गांव में बहुत बड़ा मेला भरता है शीतला माता का जो होली के आठवे दिन लगता है जो लगातार तीन दिन लगता है इस मेले में बहुत लोग आते हैं छोट बच्चों से लेकर बूढ़ों तक एक और खास बात इस मेले में भीड़ ज्यादा रात को होती है क्योंकि यहां पे नौटंकी होती है।
नौटंकी एक लोकप्रिय नाट्य शैली है, जिसमें संगीत, नृत्य, संवाद, और कथा का मिश्रण होता है। नोटंकी हमारे आस-पास के गाँवो में अधिक प्रिय है। इसको देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। और अपने सारे दुख भूलकर इस में खो जाते हैं।हमारे स्थानीय नौटंकी गायक कलाकार जैसे - भूपेन्द्र खटाना, गजेन्द्र गुर्जर आदि रात में मनमोहक संगीत के साथ गाते बजाते हैं ।संगीत पर लडकियाँ नाचती भी है। इस गांव के पास तहसील बयाना है।इसी के पास एक गम्बीर नदी है। यह नदी करौली के पाँचना बांध से निकलती है। यह बयाना से भरतपुर की ओर बहती है। यह नदी शैवला बिरैठा से बांध बारेठा कि नदी से मिल जाती है।
धन्यवाद आप सभी का, जो मेरे लेख से मेरे गांव तक पहुंच गए
छात्र: कक्षा 9 ,लेखन:
कृष्णा पुत्र थानसिंह,भरतपुर,राजस्थान,
प्रेरणा : डॉ. अनिल मीणा,व्याख्याता मुंडावर,अलवर, राजस्थान
देवनारायण राजकीय आवसीय विद्यालय, बलेटा, अलवर, राजस्थान
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