राष्ट्र की प्रगति में विज्ञान की भूमिका विज्ञान, मानव सभ्यता का सबसे शक्तिशाली इंजन है। यह न केवल हमारी समझ को गहरा करता है बल्कि हमारे जीवन को भी बे
राष्ट्र की प्रगति में विज्ञान की भूमिका
विज्ञान, मानव सभ्यता का सबसे शक्तिशाली इंजन है। यह न केवल हमारी समझ को गहरा करता है बल्कि हमारे जीवन को भी बेहतर बनाता है। राष्ट्र की प्रगति में विज्ञान की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आज विज्ञान का युग है। हमें सब ओर विज्ञान के चमत्कार दिखलाई पड़ते हैं। हमें आज जितनी भी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध हैं वे सब विज्ञान के कारण ही हैं। विज्ञान वह जादू है जिसकी सहायता से हम अपनी आवश्यकता की प्रत्येक वस्तु तुरन्त प्राप्त कर सकते हैं। रेल, वायुयान, राकेट, विद्युत, रेडियो, दूरदर्शन आदि सभी इसी विज्ञान के ही आविष्कार हैं।
यातायात सम्बन्धी आविष्कार
विज्ञान ने यातायात सम्बन्धी अनेक आविष्कार करके वर्षों की यात्रा को दिनों में तथा दिनों की यात्रा को घंटों में सम्भव कर दिया है। विज्ञान ने वायुयान, कार, जलयान, ट्रेन, राकेट आदि यातायात के साधनों का आविष्कार करके यातायात की समस्या को हल कर दिया है। इनकी सहायता से आज सारा विश्व बहुत छोटा हो गया है।अमेरिका, चीन, जापान, रूस, इंग्लैण्ड आदि देश पड़ोसी हो गए हैं। मनुष्य चन्द्रमा पर पहुँच गया है।
संचार सम्बन्धी आविष्कार
विज्ञान ने बेतार के तार, टेलीफोन व तार आदि का आविष्कार करके मनुष्य को बहुत सुविधा प्रदान की है। टेलीफोन द्वारा मनुष्य संसार के किसी कोने में बैठे अपने प्रेमी जन से बात कर सकता है। बेतार के तार द्वारा सूचना पाकर एक डूबते हुए जहाज को बचाया जा सकता है। तथा तार द्वारा शीघ्र से शीघ्र कोई भी समाचार संसार के किसी कोने में भेजा जा सकता है।
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान
विज्ञान की सहायता से इंजेक्शन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड, शल्य चिकित्सा जैसे अनेक आविष्कार किए जा चुके हैं जिनसे असाध्य रोगों से बचा जा सकता है। प्लास्टिक सर्जरी द्वारा वास्तविक अंगों के समान कृत्रिम अंग लगाये जाने लगे हैं। कृत्रिम गर्भाधान भी इसी का एक परिणाम है।
मनोरंजन के क्षेत्र में विज्ञान
विज्ञान की सबसे बड़ी देन विद्युत शक्ति है जिसके द्वारा अनेक यन्त्र चलाए जाते हैं जो हमारा मनोरंजन करते हैं । इनमें से प्रमुख हैं- दूरदर्शन, चलचित्र (सिनेमा), रेडियो आदि । इन साधनों ने हमारे जीवन को सरस तथा सुन्दर बना दिया है। ये हमारी थकान दूर करके हमको स्फूर्ति प्रदान करते हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान
विज्ञान का शिक्षा व ज्ञानवर्द्धन के क्षेत्र में भी विशेष योगदान रहा है। समाचार-पत्रों के द्वारा संसार के समाचार जाने जा सकते हैं। मुद्रण-यंत्र के आविष्कार से छपाई का काम सरल हो गया। इसकी सहायता से कम समय में किसी भी पुस्तक की असंख्य प्रतियाँ छापी जा सकती हैं।
परमाणु शक्ति की देन
इनके साथ-साथ विज्ञान ने हमें एक ऐसी शक्ति भी प्रदान की है जिसका सदुपयोग लाभकारी है तो उसका दुरुपयोग उससे अधिक हानिकारक है। वह शक्ति है - परमाणु शक्ति। आज मानव इस शक्ति का दुरुपयोग करके तृतीय विश्व युद्ध की तैयारी कर रहा है।
उपसंहार
विज्ञान के चमत्कारों को देखकर यह विश्वास नहीं होता है कि यह जितना कल्याणकारी है उतना ही विनाशकारी भी है। इसमें विज्ञान का दोष नहीं है। यह तो मानव के उपयोग पर निर्भर है। विज्ञान का सदुपयोग वरदान है तो उसका दुरुपयोग अभिशाप । विज्ञान, राष्ट्र के विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। यह न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है बल्कि सामाजिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, हमें विज्ञान को बढ़ावा देने और वैज्ञानिक अनुसंधान में निवेश करने की आवश्यकता है।
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