भविष्य की नई ऊँचाइयाँ एवं सफलता की पहली सीढ़ी: व्यवस्थित परिवार, समाज एवं राष्ट्र

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आज के आधुनिक युग और तेज़ी से बदलते समय में, हमें अपनी जड़ों और मूल्यों को फिर से समझने की आवश्यकता पड़ रही है। परिवार, समाज और राष्ट्र के रूप में, अगर

भविष्य की नई ऊँचाइयाँ एवं सफलता की पहली सीढ़ी: व्यवस्थित परिवार, समाज एवं राष्ट्र


ज के आधुनिक युग और तेज़ी से बदलते समय में, हमें अपनी जड़ों और मूल्यों को फिर से समझने की आवश्यकता पड़ रही है। परिवार, समाज और राष्ट्र के रूप में, अगर हम अपनी बुनियाद को मजबूत और व्यवस्थित बनाते हैं, तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं और नए रास्ते बना सकते है। सही दिशा में उठाए गए कदम ही परिवार, समाज और राष्ट्र को उन्नति की ओर ले जाते हैं। जब परिवार के भीतर प्यार, सहयोग और समझ होती है, तो यह परिवार, समाज और राष्ट्र के स्तर पर भी सकारात्मक बदलाव ला सकता है। मानव जीवन का आधार ही पहले परिवार से शुरूं होता है। परिवार से समाज बनता है और अच्छे समाज से मजबूत राष्ट्र का निर्माण होता है। यदि परिवार, समाज और राष्ट्र व्यवस्थित रहेंगे, तो वे न केवल वर्तमान में सुख और शांति का आनंद लेते हैं, अपितु भविष्य में भी नई ऊँचाइयों को छू सकते हैं। व्यवस्थित परिवार, समाज और राष्ट्र का अर्थ है एक ऐसा ढाँचा खड़ा करना जहाँ नैतिक मूल्य, अनुशासन, सहयोग और प्रगति की भावना के साथ राष्ट्र को मजबूत किया जा सकता है। यह लेख इसी विषय पर चर्चा करेगा कि कैसे व्यवस्थित परिवार, समाज और मजबूत राष्ट्र भविष्य की नई ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं।

भविष्य की नई ऊँचाइयाँ एवं सफलता की पहली सीढ़ी: व्यवस्थित परिवार, समाज एवं राष्ट्र
परिवार समाज का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होता है। एक अच्छा और व्यवस्थित परिवार बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन करने का काम करता है और उन्हें अच्छे संस्कारों से पोषित करता है। परिवार की नींव जितनी मजबूत होगी, समाज भी उतना ही सशक्त और मजबूत होगा। परिवार: परिवार किसी भी समाज की सबसे छोटी और सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। एक व्यवस्थित एवं समर्थ परिवार में, सदस्यों के बीच स्वस्थ संबंध स्थापित होते हैं, वहां आपसी सम्मान और सहयोग होता है, और मूल्यों और परंपराओं का पालन किया जाता है। ऐसे परिवार न केवल अपने सदस्यों के लिए एक सुरक्षित,सुनिओजित और सहायक वातावरण प्रदान कर सकते हैं, अपितु समाज और राष्ट्र के लिए भी अपना सकारात्मक योगदान दे सकते हैं।

उदाहरण 1: एक परिवार जहाँ माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षा और अच्छे संस्कार देते हैं, वे बच्चे आगे चलकर अच्छे समाज और अच्छे राष्ट्र के लिए उपयोगी नागरिक बनते हैं।एक परिवार जहाँ अपनों से बड़ों और बुजुर्गों का सम्मान करता है, वहाँ युवा पीढ़ी भी अपने बड़ों के साथ मूल्यों और परंपराओं को सीखते चले जाते हैं। 

केस स्टडी 1: जापान में परिवारों का मजबूत गठबंधन और मूल्यों का पालन उनके सामाजिक और आर्थिक विकास का एक प्रमुख कारण शुरूं से रहा है। समाधान: परिवारों को आपस में आपसी बातचीत और समझ को बढ़ावा देना चाहिए। माता-पिता को अपने बच्चों को अच्छे संस्कार और उच्च शिक्षा देनी चाहिए। अपने बुजुर्गों का उचित सम्मान करना चाहिए और उन्हें परिवार में शामिल करके उनके साथ भी वक्त गुज़ारना चाहिए।

महात्मा गांधी ने अपने परिवार में ही सत्य, अहिंसा और समर्पण के सिद्धांतों की शुरुआत से परम्परा स्थापित की थी। उनके परिवार ने उन्हें सच्चाई, स्वाभिमान, राष्ट्रीयता और नैतिकता का पालन करने की प्रेरणा दी थी, जिससे उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया।

डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का परिवार भी एक आदर्श परिवार था, जिसने उन्हें उच्च मानवीय मूल्यों, सच्चाई, स्वाभिमान, राष्ट्रीयता और शिक्षा की महत्ता सिखाई। उनके परिवार के समर्थन से ही वे देश के ही नहीं विश्व के महान व्यक्तित्व के धनी, महान वैज्ञानिक और राष्ट्रपुरुष बने। इस तरह के उदाहरण हमें यह समझाने के लिए पर्याप्त हैं कि एक व्यवस्थित परिवार समाज और राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है।

समाज, परिवार के बाद दूसरा सबसे बड़ा कड़ी है जो राष्ट्र की दिशा और दशा को तय करता है। समाज का प्रत्येक व्यक्ति एक कड़ी की तरह ही होता है और अगर समाज के सभी लोग अच्छे व्यक्तित्व, ईमानदार, मेहनती और सहायक होंगे, तो देश की प्रगति स्वत: निश्चित हो जाति है। एक स्वस्थ समाज में न केवल आर्थिक प्रगति होती है, बल्कि सामाजिक, मानसिक, धार्मिक और सांस्कृतिक विकास भी संभव होता चला है।

समाज व्यक्तियों का एक समूह है जो एक साझा मंच,  साझा संस्कृति, साझा मूल्यों और साझा संस्थानों को साझा करके उत्कृष्ठ समाज की रचना करते हैं। एक व्यवस्थित समाज में, लोग एक-दूसरे के साथ प्यार, शांति और सद्भाव से रहते हैं, कानूनों का अच्छी तरह पालन करते हैं,  नियमो का पालन करते हैं और सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देते हैं। ऐसे समाज न केवल अपने सदस्यों के लिए एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण वातावरण प्रदान करते हैं, अपितु राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उदाहरण 2: एक समाज जहाँ लोग हमेशा एक-दूसरे की मदद करते हैं और सामुदायिक कार्यों में भाग लेते हैं, वहाँ सामाजिक एकता और सद्भाव बना ही रहता है।एक समाज जहाँ मूल जरूरतें, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक सभी की पहुँच होती है, वहाँ लोगों का जीवन स्तर बेहतर होता चला जाता है।

केस स्टडी 2: स्कैंडिनेवियाई देशों में सामाजिक न्याय और समानता के उच्च स्तर ने उन्हें दुनिया के सबसे खुशहाल और समृद्ध  एवं विकशित देशों में से एक बना दिया है। 

समाधान 2: सभी लोगों को सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देना चाहिए। सभी लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक सभी की पहुँच सुनिश्चित करनी चाहिए। सामुदायिक कार्यों में लोगों की भागीदारी को प्रोत्साहित करना चाहिए।

नारी शिक्षा और सशक्तिकरण जैसे साक्षी मलिक, पी.वी. सिंधु और मीराबाई चानू जैसी महिलाओं ने, जिन्होंने समाज के पारंपरिक बंधनों को तोड़कर खेल के प्रतिस्पर्धा क्षेत्र में देश को अंतराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया। इन महिलाओं का समाज में होने वाली सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण एवं मील का पत्थर साबित हुआ है।

कई शहरों में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत लोगों ने एकजुट होकर पर्यावरणीय जागरूकता, स्वच्छता और नई तकनीक के द्वारा अपने शहरों को स्मार्ट बनाने का प्रयास का किया है। इससे समाज में जागरूकता बढ़ी है और लोगों की जीवनशैली में सुधार भी हुआ है।

निष्कलंक और उद्देश्यपूर्ण समाज का निर्माण समाज को व्यवस्थित बनाने के लिए शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, न्याय, समानता और बुनियादी सुविधाओं की जरूरत होती है। एक सफल समाज वही होगा जहाँ सभी नागरिकों को समान अवसर और अधिकार मिलते रहे हों। शिक्षा से, हम अपने बच्चों को न केवल ज्ञान रास्ता दिखाते हैं, बल्कि उनमें नैतिक मूल्य, रास्ट्रीय मूल्यों, सहिष्णुता और समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव भी उत्पन्न करते हैं।

गरीबी और असमानता आज भी देश में एक बड़ी संख्या में लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने की लिए मजबूर कर रही है। इस समस्या को हल करने के लिए सरकार को रोजगार, निजी क्षेत्र रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करना ही होगा। इसके साथ ही समाज में हर नागरिक को समान अवसर देने की दिशा में काम करना आवश्यक है।

नारी उत्पीड़न हमारे समाज में नारी की स्थिति को लेकर कई कुरीतियाँ, भ्रांतियां और पूर्वाग्रह हैं। महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सख्त कानून और समाज में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। इसके साथ ही परिवारों में लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मूल रूप से कदम उठाने चाहिए।

शिक्षा का अभाव आज भी ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की कमी है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और हर बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा देने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। राष्ट्र के विकास के लिए एक मजबूत, सुनियोजित और सशक्त समाज की आवश्यकता होती है। यदि समाज का हर व्यक्ति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझे और निभाए, तो राष्ट्र की स्थिति मजबूत हो सकती है। राष्ट्र की प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए सरकार, निजी क्षेत्र, समाज और नागरिकों को साथ मिलकर काम करना होता है।

राष्ट्र एक राजनीतिक कड़ी है जो एक साझा क्षेत्र, सरकार और संप्रभुता को साझा करती है। एक व्यवस्थित राष्ट्र में, सरकार लोगों के हितों की रक्षा करने के साथ-साथ कानूनों का पालन भी करती है, और आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देती है। ऐसे राष्ट्र न केवल अपने नागरिकों के लिए एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करते हैं, अपितु वैश्विक समुदाय में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उदाहरण 3: एक राष्ट्र जहाँ सरकार भ्रष्टाचार मुक्त, सुविधा संपन्न और पारदर्शी है, वहाँ लोगों का सरकार पर विश्वास बना रहता है। एक राष्ट्र जहाँ शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाता है, वहाँ नवाचार और विकास को विश्व स्थल पर गति मिलती है। 

केस स्टडी 3: दक्षिण कोरिया ने शिक्षा, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में निवेश करके एक गरीब देश से एक विकसित राष्ट्र बनने का सफर तय किया है। 

समाधान 3: सरकार को भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी वातावरण होना चाहिए। खेलकूद, शिक्षा और अनुसंधान को हमेशा बढ़ावा देना चाहिए। राजनितिक, आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए योजनाएँ बनानी चाहिए।

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत, भारत सरकार ने स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता फैलाने का कार्य पिछले कई वर्षों से किया है। विभिन्न राज्य और जिले इस पहल को अपनाकर न केवल स्वच्छता की स्थिति में सुधार कर रहे हैं, बल्कि पर्यावरण को स्वच्छ करके सहेजने का प्रयास कर रहे हैं। मेक इन इंडिया पहल के द्वारा भारत को एक वैश्विक निर्माण केंद्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसका उद्देश्य देश में उद्योगों की वृद्धि और रोजगार सृजन के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त एवं विश्व स्तरीय बनाना है। कृषि सुधार और ग्रामीण विकास भारत में कृषि एक प्रमुख क्षेत्र है, और इसके सुधार के लिए कई महत्व पूर्ण कदम उठाए गए हैं। किसानों को बेहतर सुविधाएं, फसल बीमा, और बेहतर बाजार मिलने से उनका जीवन स्तर उन्नत स्तर का हो सकता है। किसी भी राष्ट्र अथवा देश का भविष्य उसके परिवारों, समाजों और स्वयं राष्ट्र की व्यवस्था के स्वरुप पर निर्भर करता है। एक व्यवस्थित परिवार, समाज और राष्ट्र न केवल वर्तमान में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करते हैं, बल्कि भविष्य में नई ऊँचाइयों को प्राप्त करने का मार्ग भी प्रशस्त करते हैं।

उदाहरण 4: भारत के टाटा परिवार को एक व्यवस्थित परिवार का उत्कृष्ट उदाहरण माना जा सकता है। इस परिवार ने न केवल व्यापार के क्षेत्र में सफलता प्राप्त की, अपितु समाज सेवा, निजी क्षेत्र  में रोजगार देना, मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं  और राष्ट्र निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। टाटा परिवार के सदस्यों ने हमेशा नैतिक मूल्यों राष्ट्रिय मूल्यों, और सामाजिक जिम्मेदारी को प्राथमिकता दी, जिसके कारण उन्होंने देश और दुनिया भर  में एक अमिट छाप छोड़ी छोड़ी है।

आज के समय में अनेक परिवार अव्यवस्था का शिकार हुए हैं। तनाव, आर्थिक तंगी, असंतोष और आपसी मतभेदों के कारण परिवार टूट रहे हैं। इसका समाधान परिवार के सदस्यों के बीच बातचीत बढ़ाने, एक-दूसरे की भावनाओं को कद्र करने और साझा लक्ष्यों की ओर काम करने में निहित है। समाज परिवारों का समूह है। एक व्यवस्थित समाज में लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर रहते हैं और सामाजिक समस्याओं का समाधान बातचीत से करते हैं। ऐसे समाज में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और न्याय की सुविधाएँ सभी को समान रूप से उपलब्ध होती हैं यही समाज की भूमिका है।

केस स्टडी 4 : केरल भारत का एक ऐसा राज्य है जहाँ साक्षरता दर सबसे अधिक है। यहाँ के समाज ने शिक्षा को प्राथमिकता दी और सभी वर्गों के लिए इसे सुलभ बनाने का प्रयास किया। इसके परिणामस्वरूप केरल ने स्वास्थ्य, पर्यटन, सामाजिक समानता और आर्थिक प्रगति के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हांसिल की है।
 
आज के समाज में असमानता, भ्रष्टाचार और हिंसा जैसी समस्याएँ व्याप्त हैं। इन समस्याओं का समाधान सामाजिक जागरूकता, शिक्षा और सहयोग से संभव है। समाज के प्रत्येक सदस्य को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और सामूहिक प्रयासों से इन चुनौतियों का सामना करना होगा।

एक व्यवस्थित राष्ट्र वह है जहाँ सरकार और जनता के बीच सहयोग होगा, वहां न्याय व्यवस्था मजबूत हो और आर्थिक प्रगति सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध हो। ऐसे राष्ट्र में नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों का ज्ञान होता है। उदाहरण: सिंगापुर एक ऐसा राष्ट्र है जिसने व्यवस्था, रोजगार, आधुनिकरण और अनुशासन के बल पर विकास की नई ऊँचाइयों को छुआ है। यहाँ की सरकार ने शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और आर्थिक नीतियों को सुव्यवस्थित ढंग से लागू किया है, जिसके कारण सिंगापुर आज दुनिया के सबसे विकसित देशों में से एक है।

व्यवस्थित परिवार, समाज और राष्ट्र ही भविष्य में नई ऊँचाइयाँ हासिल कर सकते हैं। परिवार से शुरू होकर, अगर अच्छे समाज और अच्छे राष्ट्र भी अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझे और मिलकर काम करें, तो हम एक ऐसे राष्ट्र की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं, जो पूरे विश्व में एक आदर्श बन सकते हैं। हमारे छोटे-छोटे प्रयास परिवार, समाज और राष्ट्र की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार, एक व्यवस्थित परिवार, सशक्त समाज और प्रगति की ओर बढ़ते राष्ट्र ही हमें हमारे उज्जवल भविष्य की पारिकल्पना को साकार कर सकते हैं। व्यवस्थित परिवार, समाज और राष्ट्र एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। एक व्यवस्थित परिवार एक व्यवस्थित समाज का निर्माण करता है, और एक व्यवस्थित समाज एक व्यवस्थित राष्ट्र का निर्माण करता है। जब भी ये तीनों इकाइयाँ व्यवस्थित होती हैं, तो राष्ट्र भविष्य में नई ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकता है। इसलिए, हमें अपने परिवारों, समाजों और राष्ट्रों को व्यवस्थित बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। व्यवस्थित परिवार, समाज और राष्ट्र एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। एक व्यवस्थित परिवार एक व्यवस्थित समाज का निर्माण करता है, और एक व्यवस्थित समाज एक व्यवस्थित राष्ट्र का निर्माण करता है। जब ये तीनों इकाइयाँ व्यवस्थित होती हैं, तो राष्ट्र भविष्य में नई ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकता है। इसलिए, हमें अपने परिवारों, समाजों और राष्ट्रों को व्यवस्थित बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।



- डॉ.(प्रोफेसर) कमलेश संजीदा,
गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश से

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भविष्य की नई ऊँचाइयाँ एवं सफलता की पहली सीढ़ी: व्यवस्थित परिवार, समाज एवं राष्ट्र
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